उच्चतम न्यायालय ने 36 राफाल लड़ाकू विमानों की खरीद के मामले में न्यायालय की निगरानी में जांच की मांग संबंधी पुनर्विचार याचिकाओं को आज खारिज कर दिया। न्यायालय ने कहा कि पुनर्विचार याचिकाओं में कोई गुण-दोष नहीं है। तीन न्यायाधीशों की पीठ ने राफाल सौदे में प्राथमिकी दर्ज करने की मांग को भी खारिज कर दिया। इन याचिकाओं में 14 दिसम्बर 2018 के उस फैसले पर पुनर्विचार की मांग की गई थी जिसमें न्यायालय ने कहा था कि राफाल खरीद के निर्णय से संबंधित प्रक्रिया में संदेह का कोई सवाल ही नहीं है।
न्यायालय में दायर पुनर्विचार याचिकाओं में पूर्व केन्द्रीय मंत्रियों यशवंत सिन्हा और अरूण शौरी तथा अधिवक्ता प्रशांत भूषण की याचिकाएं भी शामिल हैं। याचिका में आरोप लगाया गया है कि राफाल सौदे से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों को दबाया गया है इसलिए इसकी आपराधिक जांच की जानी चाहिए।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने उच्चतम न्यायालय द्वारा रफाल मामले में दायर पुनर्विचार याचिका निरस्त किए जाने का स्वागत किया है। एक ट्वीट में रक्षामंत्री ने कहा कि एनडीए सरकार अपने निर्ण्ाय पर अडिग है। उन्होंने कहा कि यह फैसला भारत सरकार के पादर्शितापूर्ण निर्णय को भी सही साबित करता है।
भारतीय जनता पार्टी ने राफाल सौदे में जांच की मांग के लिए दायर पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज करने के उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत किया है। पार्टी ने कहा है कि ये मोदी सरकार की जीत है और सच्चाई की विजय हुई है।
नई दिल्ली में पार्टी प्रवक्ता जी. वी. एल. नरसिम्हा राव ने कहा कि पुनर्विचार याचिकाएं राजनीतिक रूप से प्रेरित थीं और इससे भाजपा और एनडीए सरकार की छवि धूमिल करने की कोशिश की गई थी। उन्होंने कहा कि पुनर्विचार याचिकाएं खारिज करके उच्चतम न्यायालय ने राफाल सौदे को क्लिन चिट दी है।
राफाल सौदे में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की आपत्तिजनक टिप्पणी को गलत ठहराने के उच्चतम न्यायालय के फैसले पर भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस अब पूरे देश के सामने बेनकाब हो गई है। नरसिम्हा राव ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने राजनीतिक चर्चा में न्यायालय को घसीटने के लिए श्री गांधी को फटकार लगाई।