एक तरफ़ देश- विदेश में बाबा गुरु नानक देव जी के 550 वें प्रकाशोत्सव पर कई आयोजन हो रहे हैं, वहीं दूसरी ओर करतारपुर गलियारे को लेकर भी बड़ी ख़बर आई है. गुरुवार को भारत और पाकिस्तान के बीच करतारपुर गलियारा खोलने और श्रद्धालुओं की आवाजाही शुरू करने को लेकर समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 9 नवंबर को डेरा बाबा नानक सीमा पर गलियारे का उद्घाटन करेंगे तो साथ ही वो पहले जत्थे को झंडी दिखाकर रवाना भी करेंगे.
गृह मंत्रालय के मुताबिक दोपहर करीब साढ़े बारह बजे दोनों देशों के बीच कॉरिडोर को शुरू करने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे. कार्यक्रम की तैयारियों के लिए गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के अधिकारी पहले ही पहुंच चुके हैं. समझौते से पहले हालांकि भारत ने पाकिस्तान की ओर से प्रति श्रद्धालु 20 डॉलर का शुल्क लगाने के फैसले को लेकर उनसे पुनर्विचार करने के लिए कहा है. हालांकि इस कॉरिडोर की अहमियत के मद्देनजर फिलहाल मौजूदा सहमतियों के साथ आगे बढ़ने का फैसला भी किया गया है.
गलियारा शुरू करने के समझौते के तुरत बाद एक वेब पोर्टल भी शुरू होने की उम्मीद है, जिसके जरिए श्रद्धालु अपना रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे. पाकिस्तान के करतारपुर में स्थित बाबा दरबार साहिब जाने के लिए श्रद्धालुओं के पास पासपोर्ट होना चाहिए. हालांकि इस पर वीज़ा लगाने की जरूरत नहीं रहेगी.
पीएम मोदी जाएंगे डेरा बाबा नानक
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करतारपुर कॉरिडोर की शुरुआत करेंगे. डेरा बाबा नानक के उनके दौरे को लेकर तैयारियां तेज़ हो गई हैं. सोमवार को केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने पीएम के दौरे के सिलसिले में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. इसके बाद उन्होंने ट्वीट कर जानकारी दी कि प्रधानमन्त्री ना सिर्फ़ 9 नवंबर को डेरा बाबा नानक सीमा पर कॉरिडोर का उद्घाटन करेंगे बल्कि 550 सदस्यों वाले पहले जत्थे को रवाना भी करेंगे. उन्होंने ये भी बताया कि प्रधानमंत्री वहाँ एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे.
दरअसल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले साल नवंबर में देश भर में और पूरे विश्व में सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देवजी की 550वीं जयंती अगले वर्ष शानदार तरीके से मनाने की मंजूरी दी थी. मंत्रिमंडल ने गुरदासपुर जिले में डेरा बाबा नानक से अंतर्राष्ट्रीय सीमा तक करतारपुर गलियारे के निर्माण और उसके विकास को मंजूरी दी ताकि भारत से तीर्थ यात्री आसानी से पाकिस्तान में रावी नदी के तट पर स्थित गुरूद्वारा दरबार साहिब, करतारपुर जा सकें, जहां गुरुनानक देवजी ने अपने जीवन के 18 वर्ष बिताए थे।
पिछले ही हफ्ते एक जनसभा में प्रधानमंत्री ने कहा था – “हमारे गुरु के पवित्र स्थान, करतारपुर साहिब और हम सभी के बीच की दूरी अब समाप्त होने वाली है। आजादी के 7 दशक के बाद ये अवसर आया है। 70 साल बीत गए। इससे बड़ा दुर्भाग्य भला क्या हो सकता है कि हमारी आस्था के एक बड़े केंद्र को हमें 7 दशक तक दूरबीन से देखना पड़ा।” दरअसल पीएम मोदी चाहते थे कि बाबा गुरु नानक देव जी के 550 वें प्रकाशोत्सव से पहले कॉरिडोर की शुरुआत हो, इसके लिए उन्होंने अधिकारियों को निर्देश भी दिए थे.
गलियारे और पैसेंजर टर्मिनल बिल्डिंग का निर्माण करने वाली एजेंसी लैंड पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के मुताबिक 31 अक्टूबर तक सारे निर्माण कार्य पूरे कर लिए जाएंगे. सबसे बड़ी बात यह है कि गलियारे के बनने से अब तीर्थ यात्री पूरे वर्ष इस पवित्र गुरुद्वारे में जा सकेंगे।
पैसेंजर टर्मिनल बिल्डिंग
पाकिस्तान के साथ बनी सहमति के मुताबिक रोज़ 5000 तक श्रद्धालु दरबार साहिब के दर्शन कर सकेंगे. यात्रियों की सुविधा के लिए भारत की तरफ़ भव्य पैसेंजर टर्मिनल बिल्डिंग का निर्माण हुआ है. इसके लिए करीब 50 एकड़ की ज़मीन अधिग्रहित की गई थी. पहले चरण में 20 एकड़ भूमि पर निर्माण कार्य हो रहा है. टर्मिनल बिल्डिंग की बात की जाए तो ये डेढ़ लाख वर्ग फीट में बना है जबकि पूरा निर्माण कार्य ढ़ाई लाख वर्ग फीट में हुआ है. आधुनिक सुरक्षा, आव्रजन और अन्य सुविधाओं से युक्त 3डी डिजाइन वाली पैसेंजर टर्मिनल बिल्डिंग एक ग्रीन बिल्डिंग भी है. भारत – पाकिस्तान सीमा पर जहाँ ये बिल्डिंग बनी है, वो गुरदासपुर अमृतसर राजमार्ग से करीब साढ़े चार किलोमीटर दूर है. जिसे जोड़ने के लिए चार लेन का राजमार्ग भी तैयार हो चुका है. दुनिया भर के श्रद्धालुओं के लिए ये बहुत बड़ा मौका होगा. ऐसे में भारी संख्या में लोगों के यहां पहुंचने की उम्मीद है. श्रद्धालुओं की आमद के मद्देनजर और उनके ठहरने के लिए टेंट सिटी का भी निर्माण किया गया है.
भारत – पाक सीमा पर फहराएगा 300 फीट ऊंचा तिरंगा
डेरा बाबा नानक से सटी भारत-पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय सीमा की जीरो लाइन पर लैंड पोर्ट अथॉरिटी के प्रोजैक्ट कॉरीडोर शुरू होने के दिए मुख्य स्थान पर 300 फुट ऊंचा तिरंगा झंडा भी फहराने का फैसला हुआ है. इसके लिए विशेष पाइप की असेंबलिंग भी हो गई है. इसके अलावा 10 दूरबीनों द्वारा संगत को करतारपुर साहिब के दर्शन करवाने व भारत-पाकिस्तान सीमा पर स्क्रीन लगाकर संगत को लाइव दर्शन करवाने के निर्देश दिए गए हैं.