मोदी सरकार ने आज कई बडे फैसले लिये है… जिसमें दिल्ली के अनाधिकृत कॉलोनियों से जुडा फैसला शामिल है जिसका फायदा दिल्ली के 40 लाख लोगों को होगा… कैबिनेट ने फैसला लिया है कि बीएसएनएल और एमटीएनएल का मर्जर किया जायेगा तो वही पेट्रोलियम पदार्थो के खुदरा व्यापार में नई कंपनियों के लिये रास्ता भी खोल दिया गया है… आज की कैबिनेट में किसानों की रवी की फसल का MSP भी बढ़ाय़ा गया है जिसमें 50 फीसदी से 109 फीसदी तक का ईजाफा किया गया है।
बुधवार को राजधानी दिल्ली में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में सरकार ने लोगों के कल्याण के लिए कई अहम फैसले लिए।
दिल्ली के गरीबों को तोहफा
मोदी सरकार ने दिल्ली की अनाधिकृत कॉलोनियों में रह रहे 40 लाख लोगों को दीवाली से पहले बड़ा तोहफा दिया है। सरकार ने कहा है कि वो इन लोगों को उनकी जमीन पर मालिकाना अधिकार देगी। सरकार इसके लिए संसद के शीत सत्र में बिल पेश करेगी।
सरकार के फैसले से कुल 1728 कॉलोनियों के करीब 40 लाख लोगों को फायदा होगा। सरकार इन लोगों के लिए 17 लाख आवास बनाएगी जो इन्हें बहुत कम दरों पर उपलब्ध होगा। सरकार का कहना है कि नए भारत में गरीबों को भी सभी सुविधाएं मुहैया कराने के वादे के तहत सरकार ने ये कदम उठाया है।
एमटीएनएल और बीएसएनएल को मजबूती
आर्थिक संकट से जूझ रही सरकारी टेलीकॉम कंपनी एमटीएनएल का बीएसएनएल की मजबूती के लिए भी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। एमटीएनएल और बीएसएनएल के पुनरुत्थान पैकेज के तहत बुधवार को दोनों कंपनियों के विलय का फैसला लिया गया। दोनों कंपनियों की मजबूती के लिए सरकार 29,937 करोड़ रुपए खर्च करेगी। 15 हजार करोड़ रुपए सॉवरेन बॉन्ड के जरिए जुटाए जाएंगे। अगले चार साल में 38,000 करोड़ रुपये की संपत्ति की बिक्री या उसे पट्टे पर दिया जाएगा। कर्मचारियों के लिए वीआरएस की योजना भी लायी गयी है। सरकार जल्द ही एमटीएनएल का बीएसएनएल में विलय भी करेगी।
सरकार का कहना है कि न तो दोनों कंपनियों को बेचा जा रहा है न बंद किया जा रहा है बल्कि प्रतिस्पर्धात्मक बनाया जा रहा है। इन फैसलों से दो साल में ये कंपनी मजबूत हो जाएंगी।
रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ा
आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में 2020- 2021 के लिए रबी की फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने का निणर्य को मंजूरी मिली है। सरकार ने गेहूं, जौ, चना, मसूर और सरसों का समर्थन मूल्य बढाते हुए कहा है कि किसानों की आय दो गुनी करने की दिशा में ये बड़ा फैसला है।
कैबिनेट की बैठक में प्राइवेट पेट्रोल पम्प को लेकर लेकर बड़ा फैसला आया है। सरकार ने ईंधन के खुदरा कारोबार को गैर- पेट्रोलियम कंपनियों के लिए खोल दिया है। अब ऐसी कंपनियों भी पेट्राल पंप खोल सकेंगी जो पेट्रोलियम क्षेत्र में नहीं हैं। ईंधन के खुदरा कारोबार को पेट्रोलियम क्षेत्र से बाहर की कंपनियों के लिये खोलने से निवेश और प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।
कुल मिलाकर ये फैसले न केवल किसानों और गरीबों के लिए अहम हैं बल्कि बीएसएनल और एमटीएनएल को मजबूती और अर्थव्यवस्था को गति देने निवेश बढाने और रोजगार सृजन के लिए जरुरी है।