सऊदी अरब के तेल संकट पर भारत की करीबी नजर बनी हुई है, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा मौजूदा स्थिति हमारे लिए चिंता की बात है लेकिन सउदी अरब से भारत की तेल की आपूर्ति प्रभावित नहीं होगी।
वैश्विक अर्थव्यवस्था को जो कारक सबसे ज़्यादा प्रभावित करता है, वो है कच्चे तेल की कीमतें…सउदी अरब की तेल कंपनी पर हमले के बाद दुनिया भर मे तेल की कीमतें एक ही झटके में 19 % तक बढ़ गईं थीं…भारत जो एक बड़ा तेल आयातक देश है, उसके लिए भी चिंता स्वाभाविक है हालाँकि सरकार ने कहा है की भारत की तेल आपूर्ति प्रभावित नहीं होगी…भारत ने सऊदी अरब में तेल संयंत्र पर हमलों कड़ी निंदा की है…
सउदी अरब में तेल कंपनी अरामको पर हुए हमले के बाद दुनिया भर मे तेल की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि देखी गया है। भारत अपने 70 फीसदी कच्चा तेल के लिये विदेशी आयात पर निर्भर है एसे में दुनिया के तेल बाजार का रुख भारत की अर्थव्यवस्था के लिये महत्वपूर्ण है। ऐसे हालात में भारत की इस पूरे घटनाक्रम पर करीबी से नजर है। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने कहा है कि सउदी में हमले से उपजे हालात पर भारत नजर बनाए हुए है। अरामको कंपनी से सरकार लगातार संपर्क में है औऱ उन्होंने भारत को तेल की अबाध आपूर्ति का भरोसा दिलाया है।
इस बीच भारत ने अपने लंबे समय तक ऊर्जा जरुरतों की आपूर्ति के लिये दुनिया भर में नये स्रोतो की तलाश जारी रखी है। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान से सोमवार को रुस की सबसे बड़ी तेल कंपनी रोज़ेनॉफ्ट के चेयरमैन की मुलाकात हुई। ये मुलाकात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया व्लादिवोस्तक दौरे के ठीक बाद हो रही है। प्रधानमंत्री ने अपने रुस यात्रा के दौरान प्राकृतिक संसाधनो के दोहन के लिये रुस और भारत के सहयोग पर चर्चा की थी।
गौरतलब है कि सऊदी अरब की तेल कंपनी पर हथियारबंद विद्रोही संगठन के हमले ने क्रूड ऑइल की सप्लाई को लेकर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। करीब एक सदी पुरानी इस इंडस्ट्री के समक्ष पहली बार आपूर्ति को लेकर इस तरह का संकट खड़ा हुआ है। इस हमले के चलते आपूर्ति में काफी कटौती हुई है। संकट के चलते सउदी अरब का आधा तेल उत्पादन बंद हो गया और तेल बाजार में दहशत फैल गई। आने वाले समय में ग्लोबल क्रूड सप्लाई चेन के लिए यह गंभीर चुनौती है। कच्चे तेल की कीमत एक झटके में 19 से 20 फीसद बढ़कर 71 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई है। पिछले 30 साल में कच्चे तेल की यह सबसे ज्यादा कीमत है। शनिवार सुबह हूथी विद्रोही संगठन ने सऊदी अरब की तेल कंपनी अरामको के अबकैक और खुराइस में स्थित तेल कुओं पर ड्रोन अटैक किए थे।
भारत ने सऊदी अरब में अबकैक तेल संयंत्र पर हमलों कड़ी निंदा की है। विदेश मंत्रालय ने सभी प्रारूपों में आतंकवाद का विरोध करने के भारत के संकल्प को दोहराया है। भारत के लिए ये चुनौती बड़ी है। दुनिया भर में सबसे तेज अर्थव्यवस्था बनने के लिये जरुरी है कि भारत अपने दीर्घकालिक ऊर्जा स्रोतो को सुनिश्चित करे। दुनिया का सबसे बडा तेल उत्पादक देश सउदी अरब भारत का सबसे बड़ा तेल का स्रोत भी रहा है। भारत के तेल आयात में करीब 20 फीसदी हिस्सेदारी सऊदी अरब की है । खाड़ी देशों में समय समय पर होनेवाले तनाव के बीच तेल की बाजार अनिश्चितता का शिकार हो जाता है।
