त्रिवेणी संगम की नगरी प्रयागराज में कुंभ में सोमवार को मौनी अमावस्या के दिन दूसरा शाही स्नान किया जा रहा है। सुबह से संगम में स्नान करने वालों की लगी लम्बी भीड़ जुट गई है। संतों के शाही स्नान के लिए अखाड़ों की छावनी से लेकर मुख्य संगम नोज तक खास बैरीकेडिंग लगाए गए है।
सभी तेरह अखाड़ों को तीन वर्गों में बांटा गया है, ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके और आने वाले ऋद्वालु स्नान कर सकें। इस दौरान कई अखाड़ों के संतों ने लगाई संगम में डुबकी लगाई।
त्रिवेणी संगम में शाही स्नान का उत्साह इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि श्रद्धालुओं ने 11 बजे रात के बाद से ही स्नान करना शुरू कर दिया है। आस्था के महाकुंभ में महास्नान का पर्व शुरू हो गया है।
ऐसी मान्यता है कि इसी दिन जैन धर्म के प्रथम तीर्थांकर ऋषभ देव ने अपनी लंबी तपस्या के मौन व्रत को तोड़कर संगम के पवित्र जल में स्नान किया था।
सोमवार को माघ मास की पहली अमावस्या के दिन ये स्नान हो रहा है जिसमें 3 करोड़ से भी अधिक श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाएंगे। मौनी अमावस्या के दिन स्नान, तर्पण और दान आदि का बहुत ही महत्व होता है। मौनी अमावस्या का शुभ मुहूर्त 3 फरवरी, रात 11: 52 बजे से शुरू है जोकि 4 फरवरी को 01:12 बजे समाप्त होगा।