एफएटीएफ ने पाकिस्तान को ग्रे सूची में रखा बरकरार। आतंकी फंडिंग रोकने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाने पर जताई चिंता।
पाकिस्तान एफएटीएफ की ग्रे सूची में बना रहेगा। अमेरिका के फ्लोरिडा में वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) की बैठक में पाकिस्तान के अपनी सरजमीं से आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने के लिए पर्याप्त कदम उठाने में विफल रहने और आतंकवादी सरगनाओं हाफिज सईद और मसूद अजहर के खिलाफ आतंकवाद निरोधक कानून के तहत मामले दर्ज नहीं करने पर चिंता जतायी गई। जून 2018 में एफएटीएफ ने पाकिस्तान को ‘ग्रे’ सूची में डाल दिया गया था और एफएटीएफ ने उसे 27 बिंदु कार्य योजना दी थी। इस योजना की अक्तूबर 2018 में हुए पिछले पूर्ण सत्र में और दूसरी बार फरवरी में समीक्षा की गई थी। पाकिस्तान को फिर से तब ‘ग्रे’ सूची में डाल दिया गया था जब भारत ने पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों के बारे में नयी सूचना मुहैया करायी थी। एफएटीएफ की ‘ग्रे’ सूची में बने रहने पर पाकिस्तान की आईएमएफ, विश्व बैंक, एडीबी, यूरोपीय संघ द्वारा साख कम की जाएगी। इससे पाकिस्तान की वित्तीय समस्याएं और बढ़ेंगी।
