राज्यसभा ने मोटर वाहन संशोधन विधेयक-2019 किया पारित। सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, इससे यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों में पैदा डर होगा। लोकसभा में अंतर्राज्यीय नदी जल विवाद संशोधन विधेयक-2019 हुआ पास।
देश में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के मकसद से राज्यसभा ने बुधवार को सड़क सुरक्षा के लिए कठोर प्रावधानों वाले मोटर यान (संशोधन) विधेयक-2019 को मंजूरी दे दी। राज्यसभा ने विधेयक को चर्चा के बाद 13 के मुकाबले 108 मतों से पारित कर दिया।
देश में हर साल करीब डेढ़ लाख लोगों की सड़क हादसों में मौत हो जाती है. ट्रैफिक नियमों के बावजूद ज्यादातर लोग इनका पालन नहीं कर करते. नए संशोधित बिल में ट्रैफिक नियमों को तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त एक्शन का प्रावधान है। सडक हादसों के शिकार को मिलने वाले मुआवजे में बढोतरी की गई है तो वही इन हादसों के लिए जिम्मेदार लोगो पर ज्यादा पैनलटी का प्रावधान है। तय नियमों का उलंघन अब काफी महंगा होगा। विधेयक में किए गए प्रावधान 18 राज्यों के परिवहन मंत्रियों की सिफारिशों पर आधारित हैं।बिल इस समय राज्यसभा में पारित होने की प्रक्रिया में है।
देश में लगातार बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ससंद ने बुधवार को एक अहम विधेयक पर चर्चा हुई। राज्यसभा ने मोटर यान (संशोधन) विधेयक-2019′ पर चर्चा की लोकसभा पहले ही मंजूरी दे चुकी है। विधेयक में परिवहन व्यवस्था को मजबूत बनाने और सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में काफी सख्त प्रावधान रखे गये हैं। उच्च सदन में विधेयक पर को पेश करते हुए सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने स्पष्ट किया कि सरकार का मोटर यान संशोधन विधेयक के माध्यम से राज्यों के अधिकार में दखल देने का कोई इरादा नहीं है, केंद्र की कोशिश राज्यों के साथ सहयोग करने, परिवहन व्यवस्था में आमूलचूल बदलाव लाने और दुर्घटनाओं को कम करने की है।
बिल पर चर्चा के दौरान तमाम दलों के सदस्यों ने विधेयक पर अपनी बात रखी।
इस विधेयक में सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में काफी सख्त प्रावधान रखे गये हैं। किशोर नाबालिगों द्वारा वाहन चलाना, बिना लाइसेंस, खतरनाक ढंग से वाहन चलाना, शराब पीकर गाड़ी चलाना, निर्धारित सीमा से तेज गाड़ी चलाना जैसे नियमों के उल्लंघन पर कड़े जुर्माने का प्रावधान किया गया है। इस विधेयक में केंद्र सरकार के लिये मोटर वाहन दुर्घटना कोष के गठन की बात कही गई है जो भारत में सड़क का उपयोग करने वालों को अनिवार्य बीमा कवर प्रदान करेगा । विधेयक में किये गये प्रावधान 18 राज्यों के परिवहन मंत्रियों की सिफारिशों पर आधारित हैं। इन सिफारिशों की संसद की स्थायी समिति ने भी जांच परख की है।
दरअसल भारत में पिछले कुछ सालों में सड़क विधेयकों में मरने वाले लोगों की संख्या में खासा इजाफा हुआ है। ज्यादातर मामले सडक नियमों का उल्लंघन करने और लापरवाही से जुडे होते हैं। दोनों सदनों से पास होने के बाद उम्मीद है कि ये विधेयक सडक हादसों को रोकने में कारगर साबित होगा।
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