भारत ने नागरिकता संशोधन कानून के मुद्दे पर पाकिस्तान की नेशनल असेम्बली से पारित प्रस्ताव को किया खारिज, विदेश मंत्रालय ने कहा प्रस्ताव पारित कर पाकितान ने की है अपने देश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के अमानवीय उत्पीड़न से ध्यान हटाने की नाकाम कोशिश.
भारत ने नागरिकता संशोधन कानून के मुद्दे पर पाकिस्तान की नेशनल असेम्बली में पारित प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। विदेश मंत्रालय ने इसको पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला बताते हुए कहा है कि पाकिस्तान ने जानबूझकर इस कानून के उद्देश्यों को गलत ढंग से प्रस्तुत किया है। पाकिस्तान का प्रस्ताव वहां पर धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ दुर्व्यवहार और उत्पीड़न से ध्यान हटाने की एक नाकाम कोशिश है। पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की जनसांख्यिकी वहां के हालात को खुद बयां करती है। पाकिस्तान ने जानबूझकर नागरिक संशोधन कानून के उद्देश्यों को गलत ढंग से प्रस्तुत किया है।
नागरिक संशोधन कानून किसी भी भारतीय की नागरिकता नहीं छीनता है, चाहे वे किसी भी धर्म से जुड़े हों। यह हास्यास्पद है कि पाकिस्तान की नेशनल असेम्बली ने खुद ही धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ भेदभाव वाला कानून पारित किया है. पाकिस्तान को दूसरे पर गलत आरोप लगाने की बजाय खुद गंभीरतापूर्वक आत्मनिरीक्षण करना चाहिए।