यमन के हूथी विद्रोहियों ने शनिवार को सऊदी अरब में विश्व के सबसे बड़े तेल शोधक कारखाने और सऊदी अरब की सरकारी तेल कंपनी अरामको के दो सबसे बड़े तेल संयंत्रों पर ड्रोन हमले किए, जिससे तेल उत्पादन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है.
खबरों के मुताबिक इस हमले के कारण तेल उत्पादन में हर दिन 50 लाख बैरल की कमी आएगी. हमले के बाद अरामको की सबसे बड़ी रिफ़ाइनरी वाले इलाक़े बक़ीक़ के ऊपर धुएं के गुब्बार और आग की लपटें उठती दिखीं.
दूसरा ड्रोन हमला ख़ुरैस तेल क्षेत्र में हुआ और वहां भी आग लग गई. हांलाकि दोनों प्रतिष्ठानों में आग पर क़ाबू पा लिया गया है. हमले की जांच चल रही है. अभी इन हमलों से किसी के हताहत होने की जानकारी नहीं मिली है. यमन के हूती विद्रोहियों ने इन हमलों की ज़िम्मेदारी ली है.
संयुक्त अरब अमीरात और कुवैत ने सऊदी अरब की तेल कंपनी अरामको के बक़ीक़ और हिजरात खुरैश में दो संयंत्रों पर आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है.
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने ईरान पर सऊदी के तेल संयंत्रों पर हमला करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि तेहरान सरकार सऊदी अरब पर लगभग 100 हमलों में उसका हाथ है.
अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी ने भी कहा है कि वह सऊदी अरब में स्थिति पर नजदीकी नज़र रख रहा है.
