बॉलीवुड की बेहद खूबसूरत अदाकारा मधुबाला की मनमोहक मुस्कान और एक्टिंग के आज भी सभी कायल हैं। चाहे कोई दौर क्यों न हो। 14 फरवरी यानि की वैलेंटाइन्स डे के दिन जन्मी मधुबाला को मर्लिन मुनरो कहा जाता है।
गूगल ने अपने डूडल पर मधुबाला की बहुत कलरफुल इमेज बनाकर डाली है और बॉलीवुड की बेहतरीन अदाकार मधुबाला को याद किया है। यह फोटो मधुबाला की हिट फिल्म मुगल-ए-आजम की है।
वर्ष 1933 में जन्मी मधुबाला में 1942 से लेकर 1962 तक काम किया। उन्हें अक्सर हिंदी सिनेमा की सबसे प्रतिष्ठित महिला सेलिब्रिटी के रूप में माना जाता है। वह ‘महल’ (1949), ‘अमर’ (1954), ‘मिस्टर एंड मिसेज 55’ (1955), ‘चलती का नाम गाड़ी’ (1958), ‘मुगल-ए-आजम’ (1960) और ‘बरसात की रात’ (1960) जैसी शानदार फिल्मों में अपने जलवे बिखेर चुकी हैं।
कोई भी शख्स जब बॉलीवुड की अदाकाराओं को देखता है तो उनकी एक्टिंग, डांस स्टेप और खूबसूरती का दीवाना हो जाता है, लेकिन संघर्ष की कहानी को शायद ही कोई जानना चाहता है। उस जमाने में एक बेटी का फर्ज निभाते हुए मधुबाला ने अपने पिता की आर्थिक मदद करने के लिए छोटी सी उम्र में काम करना शुरू कर दिया था।
छोटी उम्र में काम करने से बेशक मधुबाला का फिल्मों में सफलता मिली हो, लेकिन उनकी पर्सनल लाइफ में हमेशा ही कांटे रहे हैं।
किशोर कुमार ने धर्म बदलकर की थी शादी
शादी से पहले किशोर कुमार ने इस्लाम धर्म कबूल किया और नाम बदलकर करीम अब्दुल हो गए। उसी समय मधुबाला एक भयानक रोग से पीडि़त हो गई। शादी के बाद रोग के इलाज के लिए दोनों लंदन चले गए। लंदन के डॉक्टर ने मधुबाला को देखते ही कह दिया कि वह दो साल से ज्यादा जीवित नहीं रह सकतीं।
