गर्भवती महिला की जिंदगी खतरे में देख 108 एंबुलेंस के पुरुष स्टाफ ने रास्ते में ही डिलीवरी करा दी। महिला ने दो स्वस्थ बच्चियों को जन्म दिया। हालांकि 108 एंबुलेंस पर तैनात पुरुष कार्यकर्ता ने इसके लिए बाकायदा महिला के परिवार से अनुमति ली थी। यह घटना मध्य प्रदेश के गुना जिले के आरोन स्थित ककरुआ गांव में हुई थी।
यह घटना मध्य प्रदेश के गुना जिले के आरोन स्थित ककरुआ गांव में हुई। जहां प्रसूता कमलेश बाई को डिलीवरी के लिए आरोन अस्पताल ले जाने के लिए परिजनों ने 108 एंबुलेंस को कॉल किया। सूचना पर पहुंची एंबुलेंस गर्भवती महिला को परिजनों के साथ लेकर 13 किलोमीटर दूर अस्पताल चल दी।
108 एंबुलेंस में तैनात ईएमटी राजीव बुनकर के अनुसार, ‘अभी पांच किलोमीटर ही चले होंगे कि महिला को प्रसव पीड़ा आरंभ हो गई। दर्द से तड़पती गर्भवती की जान खतरे में देख रास्ते में ही डिलीवरी कराने का फैसला लेना पड़ा।’
इसके लिए ईएमटी राजीव बुनकर ने परिवारवालों से एंबुलेंस में ही डिलीवरी कराने को लेकर अनुमति मांगी। घरवालों की रजामंदी के बाद महिला की सुरक्षित डिलीवरी कराई गई। प्रसूता ने दो स्वस्थ बच्चियों को जन्म दिया।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, 108 एंबुलेंस पर तैनात सभी ईएमटी पुरुष प्रशिक्षित हैं। खतरे की किसी भी स्थिति से निपटने के लिए ये प्रशिक्षित होते हैं।
