तमिलनाडु में सरकारी अस्पतालों में भर्ती होने को लेकर लोगों में भय का माहौल बना हुआ है। अस्पतालों की हालत भयावह होती जा रही है। यहां के एक सरकारी अस्पताल में एक बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। 2 साल की बच्ची को एचआईवी संक्रमित खून चढाने का मामला सामने आया है।
बच्ची के पिता ने एक सरकारी अस्पताल पर उनकी बच्ची को एचआईवी संक्रमित खून चढ़ाने का आरोप लगाया है। बच्ची के पिता ने बताया कि जुलाई 2018 में बच्ची को दिल की बीमारी के इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। जहां पर लापरवाही के चलते उसे एचआईवी संक्रमित खून चढ़ा दिया गया। यह पलिा मामला नहीं है।
इससे पहले भी गर्भवती महिला को एचआईवी पॉजिटिव खून चढाने का मामला प्रकाश में आया था जिसके बाद खूब बवाल हुआ था। इससे पहले दिसंबर 2018 में एक सरकारी अस्पताल में गर्भवती महिला को एचआईवी संक्रमित खून चढ़ाने को लेकर काफीी हंगामा हुआ था। राज्य के सरकारी अस्पतालों में ब्लड बैंको के रख-रखाव को लेकर पहले भी सवाल उठते रहे हैं।
दरअसल पूरा मामला कोयंबटूर के एक सरकारी अस्पताल का है। जहां बच्ची के पिता ने बताया कि पिछले साल जुलाई में उनकी बेटी को दिल की बीमारी के इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया था।
जहां पर अस्पताल की लापरवाही के चलते उसे संक्रमित खून चढ़ा दिया गया। इसके साथ ही बच्ची के पिता ने बताया कि तबीयत बिगडऩे पर उसे इस महीने दोबारा अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां जांच में 6 फरवरी को बच्ची के एचआईवी संक्रमित होने की पुष्टि हुई।
बच्ची के परिजनों के आरोपों को खारिज करते हुए अस्पताल के डीन अशोकन ने बताया कि बच्ची को जब अस्पताल में इलाज के लिए लाया गया था तो उसका वजन बहुत कम था जिसके चलते उसे उचित जांच के बाद खून चढ़ाया गया था। डॉ अशोकन ने कहा कि हो सकता है कि बच्ची को संक्रमण किसी अन्य अस्पताल से हुआ हो। बच्ची के परिजनों की शिकायत के बाद उन्होंने अस्पताल में मौजूद बच्ची के रिकॉड्र्स को खंगाला और कुछ भी गलत नहीं पाया।
