Nation

संसद से आरटीआई संशोधन विधेयक पास

आरटीआई संशोधन बिल को संसद से हरी झंडी मिल गई। राज्य सभा ने गुरुवार को इसे मंजूरी दे दी, जबकि लोकसभा पहले ही इसे पास कर चुकी है। सरकार ने साफ किया है कि बिल का उद्देश्य आरटीआई कानून को कमजोर नहीं बल्कि और मजबूत बनाने का है। बिल पर एनडीए के बाहर की कई पार्टियों का समर्थन भी सरकार को हासिल हुआ. बिल को सेलेक्ट कमेटी को भेजे जाने की विपक्ष की साझा मुहिम भी मत विभाजन में खारिज हो गई।

RTI संशोधन बिल को संसद से हरी झंडी मिल गयी है। राज्यसभा ने गरूवार को इसे मंजूरी दे दी जबकि लोकसभा पहले ही पास कर चुकी है। सरकार ने साफ किया है कि बिल का उद्देश्य आरटीआई कानून को कमजोर नहीं बल्कि और मजबूत बनाने का है। बिल पर NDA के बाहर की कई पार्टियों का समर्थन भी सरकार को हासिल हुआ।  बिल को सेलेक्ट कमेटी को भेजे जाने की विपक्ष की साझा मुहिम भी मत विभाजन में खारिज हो गयी । 

राज्य सभा में गुरुवार का दिन हंगामे भरा रहा। आरटीआई संशोधन बिल के मुद्दे पर विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा किया, जिसके चलते सदन की कार्यवाही बाधित हुई। दरअसल कई विपक्षी दल इस बिल को सेलेक्ट कमेटी को भेजने की मांग कर रहे थे। बाद में हंगामे के बीच ही बिल पर चर्चा आगे बढ़ाई गई। सरकार ने साफ किया है कि बिल का उद्देश्य आरटीआई कानून को कमजोर नहीं बल्कि और मजबूत बनाने का है।

इस बिल में आरटीआई कानून, 2005 की धारा-13 और 16 में संशोधन का प्रावधान है। अभी केंद्रीय मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्तों का कार्यकाल 5 साल के लिए निर्धारित है। लेकिन कानून में प्रस्तावित बदलाव के बाद उनके कार्यकाल का फैसला केंद्र सरकार करेगी. धारा-13 में कहा गया है कि मुख्य सूचना आयुक्त के वेतन, भत्ते और सेवा की अन्य शर्तें मुख्य चुनाव आयुक्त के समान ही होंगे और सूचना आयुक्त की भी शर्तें, चुनाव आयुक्त के ही समान  होंगी।

बिल में संशोधन के जरिए प्रस्ताव है कि वेतन-भत्ते और शर्तें अब केंद्र सरकार तय करेगी। लोक सभा में विधायी कामकाज की बात करें, तो तीन तलाक पर रोक से जुड़ा अहम बिल तो पारित हुआ ही साथ ही तीन अन्य अहम बिल भी सदन में पेश किए गए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कंपनी कानून में संशोधन से जुड़ा बिल पेश किया। वहीं पुराने पड़ चुके कानूनों को खत्म करने से जुड़ा बिल केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रस्तुत किया।

इसके साथ ही लोक सभा में अन्तरराज्यीय नदी जल विवाद संशोधन बिल भी पेश किया गया. इस बिल का पेश होने का कांग्रेस सहित कई दलों ने ये कहकर विरोध किया कि बिना राज्यों के साथ सलाह मशविरा के इस बिल को कैसे पेश किया जा सकता है। जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि पहले 2017 में भी ये बिल सदन में पेश किया गया था और राज्यों के साथ इस पर व्यापक विचार विमर्श हुआ था।

गौरलतब है राज्यसभा में अलग-अलग मुदों को लेकर विपक्षी दलों के हंगामे के बावजूद, संसद के दोनों सदनों में अभी तक विधायी कामकाज में खूब प्रगति देखने को मिली है. बावजूद इसके लंबित विधायी कामकाज के मद्देनजर संसद के बजट सत्र को 26 जुलाई से आगे 7 अगस्त तक बढ़ाने की सिफारिश की गई है।

News is information about current events. News is provided through many different media: word of mouth, printing, postal systems, broadcasting, electronic communication, and also on the testimony of observers and witnesses to events. It is also used as a platform to manufacture opinion for the population.

Contact Info

West Bengal

Eastern Regional Office
Indsamachar Digital Media
Siddha Gibson 1,
Gibson Lane, 1st floor, R. No. 114,
Kolkata – 700069.
West Bengal.

Office Address

251 B-Wing,First Floor,
Orchard Corporate Park, Royal Palms,
Arey Road, Goreagon East,
Mumbai – 400065.

Download Our Mobile App

IndSamachar Android App IndSamachar IOS App
To Top
WhatsApp WhatsApp us