प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत ने जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाले नुकसान की रोकथाम में उल्लेखनीय प्रयास किये हैं। कल न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलनमें श्री मोदी ने कहा कि इस वैश्विक संकट से निपटने के लिये अभी बहुत कुछ किया जाना है। उन्होंने कहा कि इसे जन-आंदोलन बनाने का समय आ गया है।
अपने संक्षिप्त संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का मार्गदर्शक सिद्धांत “आवश्यकता” है, “लालच” नहीं। उन्होंने विश्व नेताओं को बताया कि भारत ने “सिंगल यूज़” प्लास्टिक का उपयोग प्रतिबंधित कर दिया है। उन्होंने अन्य देशों से भी ऐसा करने का आग्रह किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा विकल्पों के क्षेत्र में भारत ने अपनी प्रतिबद्धताएं पूरी करते हुए महत्वपूर्ण प्रगति की है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पंद्रह करोड़ परिवारों को स्वच्छ रसोई गैस उपलब्ध कराई है। श्री मोदी ने जल संसाधनों के विकास के लिये जल-जीवन मिशनका भी उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री ने कहा भारत जल के उचित उपयोग के लिए अगले पांच वर्षों में 50 अरब डॉलर खर्च करेगा।
प्रधानमंत्री के संबोधन के दौरान अमरीका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प का वहां उपस्थित होना अप्रत्याशित रहा। संयुक्त राष्ट्र महासचिव अन्तोनियो गुतेरस ने जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटने की एकजुट कार्रवाई के लिये सभी पक्षों के साथ विचार-विमर्श के उद्देश्य से शिखर सम्मेलन का आयोजन किया था।
प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों से आपदा से निपटने की बुनियादी तैयारी में सहयोग के उद्देश्य से गठित गठबंधन में शामिल होने का आग्रह किया।
जलवायु सम्मेलन के बाद प्रधानमंत्री ने स्वास्थ्य कवरेज पर संयुक्त राष्ट्र महासभा की उच्चस्तरीय बैठक को संबोधित किया। “व्यापक स्वास्थ्य कवरेजः अधिक स्वस्थ विश्व के निर्माण की दिशा में सम्मिलित प्रयास” शीर्षक से आयोजित इस बैठक में विभिन्न देशों, राजनीतिक और स्वास्थ्य क्षेत्र के प्रमुखों और नीति निर्माताओं ने भाग लिया। बैठक का उद्देश्य स्वास्थ्य क्षेत्र में वित्तीय और राजनीतिक सहयोग प्राप्त करना था।
प्रधानमंत्री मोदी ने व्यापक स्वास्थ्य कवरेज हासिल करने की दिशा में भारत के सशक्त उपायों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य का अर्थ केवल रोगों से मुक्ति पाना नहीं है, बल्कि स्वस्थ जीवन प्रत्येक व्यक्ति का अधिकार है और सरकार पर इसे सुनिश्चित करने का दायित्व है।
श्री मोदी ने कहा कि भारत ने सुलभ स्वास्थ्य देखभाल उपलब्ध कराने के व्यापक प्रयास किये हैं। इस उद्देश्य से आयुष्मान भारत योजना शुरू की गयी है, जो विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है। इसके तहत पचास करोड़ गरीबों को पांच लाख रुपये तक के वार्षिक निशुल्क उपचार की सुविधा दी गयी है।
मोदी ने कहा कि भारत के प्रयास सिर्फ उसकी सीमाओं तक सीमित नहीं हैं। भारत ने कई अन्य देशों, विशेषकर अफ्रीकी देशों को सुलभ स्वास्थ्य देखभाल मुहैया कराने में मदद की है। बैठक के बाद प्रधानमंत्री ने कतर के अमीर तमीम-बिन-हमाद के साथ बैठक की।
श्री तमीम ने योग को वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय बनाने के लिये प्रधानमंत्री के प्रयासों की सराहना की। दोनों नेताओं ने भारत और कतर के बीच व्यापक संबंधों की समीक्षा की।
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