भारत के विदेश मंत्री इस समय रुस के दौरे पर हैं इस दौरान रुसी राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात के दौरान रुसी राष्ट्रपति ने भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को रुस आने के लिए निमंत्रण भेजा है।बुधवार को क्रेमलिन में विदेश मंत्री जयशंकर के साथ बैठक के दौरान पुतिन ने कहा, “पीएम मोदी की यात्रा के दौरान, हम सभी प्रासंगिक, वर्तमान मुद्दों पर चर्चा करने और रूसी और भारतीय संबंधों की संभावनाओं पर बात करने में सक्षम होंगे।”
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार रुसी राष्ट्रपति के साथ अपनी बातचीत के बाद लावरोव के साथ एक संयुक्त मीडिया कान्फ्रेंस के दौरान, विदेश मंत्री जयशंकर ने बताया कि प्रधान मंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन अगले साल वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए मिलेंगे। विदेश मंत्री ने इस बात का भी जिक्र किया कि दोनों नेता लगातार संपर्क में रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि पुतिन ने बातचीत के दौरान उनसे कहा कि “हमें अपने मित्र न प्रधान मंत्री मोदी को रूस में देखकर खुशी होगी।”
न्यूज एजेंसी एनाई के अनुसार रुसी राष्ट्रपति ने कहा कि “मुझे प्रधानमंत्री मोदी की रुस और यूक्रेन मामले पर उनकी स्थिति पता है और इस मामले में हमने एक से अधिक बार बात की है। मैं उनकी स्थिति, हॉट स्पॉट, यूक्रेन की स्थिति सहित जटिल प्रक्रियाओं के प्रति उनके रवैये का उल्लेख कर रहा हूं। मैंने अपने मित्र प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस स्थिति को लेकर बार-बार सूचित किया है । मैं शांतिपूर्ण तरीकों से इस समस्या को हल करने के उनके प्रयास के बारे में जानता हूं,’।
प्रधानमंत्री के रुस दौरे के कई मायने
अगर रुस के राष्ट्रपति के निमंत्रण पर भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रुस के दौरे पर जाते हैं तो उसके कई मायने निकल कर बाहर सामने आएंगे एक यह यात्रा सिर्फ भारत और रूस के रिश्तों को ही मजबूत नहीं करेगा बल्कि विश्वभर में भारतीय कूटनीति को ओर अधिक मजबूत करेगा। एक तरफ जहां रुस और यूक्रेन के बीच चल रही इस जग को दो साल होने वाले हैं आधी से ज्यादा दुनिया के देश रुस के खिलाफ है । अमेरिका और पश्चिमी देशों के दवाब के कारण जहां कई देश रुस से तेल, रक्षा समाग्री समेत जरुरत की चीजें निर्यात नहीं कर रहे हैं ऐसे में भारत का रुस अमेरिका और पश्चिमी देशों के साथ एक जैसी कूटनीति बनाकर चलना यह दुनिया को भारत की ताकत का एक नया संदेश देगा।
अगर भारतीय प्रधानमंत्री रुस के दौरे पर जाते हैं तो उसके ये परिणाम हो सकते हैं –
भारतीय रुपए में व्यापार – रुस के उपर अमेरिका सहित पश्चिमी देशों के भारी प्रतिबंध लगा हुआ है ऐसे में भारत और रूस के बीच दोनों देशों के आपसी मुद्रा में व्यापार करने में सहमति बन सकती है हालांकि पहले भी रुस को तेल सप्लाई के बदले में भारतीय रुपए में पेमेंट किया गया था लेकिन इसको एक व्यापक रूप मिल सकता है।
रक्षा समझौता – अमरीका और यूरोपीय के प्रतिबंध के बाद रुस का रक्षा व्यापार पूरी तरह ठप पड़ा हुआ है कुछ गिने चुने देशों के अलावा बाकी अन्य देश रुस के साथ रक्षा समझौता करने से कतरा रहे हैं ऐसे समय में भारतीय प्रधानमंत्री के रूस के दौरे के दौरान भारत और रूस के बीच सस्ते दामों पर बड़ी मात्रा में रक्षा उपकरणों को लेकर डील हो सकती है।
विदेशी कूटनीति को बढ़ावा:- अगर ऐसे समय में जब पूरा विश्व यूक्रेन के साथ खड़ा है अगर भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रुस के दौरे पर जाते हैं तो यह भारतीय कूटनीति और विदेशी नीति का नया टेस्ट होगा क्योंकि इस समय भारत विश्व का सबसे बड़ा बाजार बनकर उभर रहा है ऐसे में कोई भी भारत को नजरंदाज नहीं करना चाहेगा। गणतंत्र दिवस के अवसर पर जब फ्रांस के राष्ट्रपति भारत के दौरे पर आ रहें हैं मुख्यातिथि बनकर ऐसे समय में भारतीय को ऐसे बड़े कदम उठाकर विश्व को भारतीय ताकत का अंदाजा कराना चाहिए।
भारतीय व्यापार के लिए नया द्वारा:- इस समय रुस से लगभग सारी विदेशी कंपनियों ने अपना व्यापार बंद कर दिया है ऐसे वक्त में भारतीय कंपनियों के लिए सुनहरा मौका है कि रुस के बाजार में अपनी धाक जमाई जाए इसके लिए प्रधानमंत्री की यह यात्रा उनके लिए बहुत फायदेमंद साबित होगी
