जम्मू कश्मीर में हालात सामान्य। सरकारी दफ्तर खुले। प्रशासन ने राज्य में चरणबद्ध तरीके से पाबंदियां हटाने का किया एलान। सोमवार से खुलेंगे स्कूल।
जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 पर केंद्र के फैसले के बाद राज्य में हालात तेजी से सामान्य हो रहे हैं । कश्मीर घाटी के कुछ हिस्से में जारी पाबंदियों के बीच आम जनजीवन सामान्य है और किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं है । जम्मू कश्मीर प्रशासन का कहना है कि राज्य के 22 जिलों में से 12 जिलों में हालात सामान्य हैं । प्रशासन के मुताबिक हालात को और लोगों के सहयोग को देखते हुए धीरे धीरे पाबंदियां हटायी जा रही है ।
प्रशासन के मुताबिक दूरसंचार सेवाओं पर पाबंदी हटाने का काम देर रात से शुरु हो सकता है और सप्ताह के अंत तक लैंडलाइन सेवाएं सामान्य हो सकती है ।
प्रशासन ने कहा है कि आतंकवादी समूह जम्मू कश्मीर में भय उत्पन्न करने और विकास बाधित करने के लिए हमले करते हैं लेकिन किसी को इसमें सफल नहीं होने दिया जाएगा । मुख्य सचिव ने कहा कि सीमा पार से भडकाने की कार्रवाई के बावजूद राज्य में हालात सामान्य हैं और कोई जनहानि नहीं हुई है ।
जम्मू में सारी पाबंदियां पहले ही हटायी जा चुकी हैं और घाटी के ज्यादातर हिस्सों में पाबंदियों में ढील दी चुकी हैं। ईद उल अजहा और स्वतंत्रता दिवस शांतिपूर्ण ढंग से बीत जाने के बाद प्रशासन बाकी पाबंदियां भी हटा रहा है । इस बीच जम्मू कश्मीर को मिले विशेष दर्जे को खत्म किए जाने का मसला शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा । कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाने करने के खिलाफ ”दोषपूर्ण” याचिकायें दायर करने पर नाराजगी व्यक्त की । प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर की पीठ ने कहा कि अधिवक्ता मनोहर लाल शर्मा द्वारा दायर याचिका का ‘कोई मतलब’ नहीं है।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि उन्होंने याचिका पढ़ने में 30 मिनट लगाये लेकिन इससे कुछ भी समझ नहीं सके। शीर्ष अदालत ने संबंधित वकीलों से कहा कि वे अनुच्छेद 370 को लेकर दायर अपनी छह याचिकाओं की खामियों को दूर करें और इसके साथ ही उसने सुनवाई स्थगित कर दी।
