भिवंडी
कोरोना वायरस के चलते रोजगार उपलब्ध न होने के कारण मुंबई सटे भिवंडी के भिनार स्थित आदिवासी पाडा में रहने वाला गरीब परिवार पिछले पांच दिनों से पानी पीकर एवं जंगल का कंदमूल खाकर दिन काट रहा था। परिवार को आदिवासी सामाजिक संस्था के माध्यम से एक महीने का राशन दिया गया।
कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते पूरे देश में लॉकडाउन होने के कारण पावर लूम, डाइंग एवं साइजिंग कंपनियों सहित उससे जुड़े सभी उद्योग धंधे बंद हो गए हैं, जिसके कारण सभी रोजगार ठप पड़ गए हैं। जहां अनेक गरीब परिवार दैनिक मजदूरी करके अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं। कोरोना वायरस के चलते रोजगार ठप होने ने दैनिक मजदूरी करने वाले उन परिवारों के सामने भुखमरी की समस्या खड़ी हो गई है।
यही कारण है कि भिनार के आदिवासी पाडा के गरीब आदिवासी परिवार के पास कोई काम न होने के कारण पांच दिनों से पानी पीकर एवं कंदमूल खाकर दिन निकाल रहा था। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए यह आदिवासी परिवार अपने घर से नहीं निकल रहा है। उनका दृढ विश्वास है कि कुछ भी हो चलेगा, लेकिन कोरोना को हराना है।
उन्होंने बताया कि रोजाना 100-200 रूपये कमा लेते थे। इससे उनके परिवार का पेट भर जाता था, लेकिन कामधंधा बंद होने के कारण उन्हें खाने के लिये कुछ भी नहीं मिल रहा है। खाने में उन्हें रोटी-चावल लगता है, लेकिन उसके लिए पैसा नहीं है। हेंगडे परिवार ने बताया कि रास्ते में गिरा हुआ चावल बीनकर लाते थे और उसे ही साफ करके भात बनाकर खाते थे।

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