प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को जब करतारपुर गलियारे का उद्घाटन करेंगे तब इतिहास बनेगा. यह समृद्ध विरासत को संरक्षित करने तथा गुरु नानक देव की शिक्षाओं को सर्वव्यापी बनाने के प्रति राजग सरकार की प्रतिबद्धता को दिखाता है.
करतारपुर गलियारा श्री गुरु नानक देव के लाखों अनुयायियों के सपने को साकार करेगा. यह गलियारा पंजाब के डेरा बाबा नानक को पाकिस्तान के करतारपुर में स्थित दरबार साहिब से जोड़गा. करतारपुर साहिब गालियारा एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, जिसे श्रद्धालुओं की पीढ़ियां याद रखेंगी. यह हमारी समृद्ध विरासत को संरक्षित करने तथा श्री गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं को सर्वव्यापी बनाने के प्रति मोदी सरकार की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है.
गुरु नानक देव सिख पंथ के संस्थापक थे. गुरु नानक देव के 550वें प्रकाश पर्व के मौके पर गलियारे के खुलने के साथ ही प्रधानमंत्री लाखों श्रद्धालुओं के सपने को साकार करेंगे. नौ नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस गलियारे को राष्ट्र को समर्पित करेंगे और इस ऐतिहासिक घटना के गवाह बनेंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों ने धार्मिक विश्वास की राह में खड़ी सीमाओं को भी पिघला दिया है. गौरतलब है कि सितंबर में भारत और पाकिस्तान करतारपुर गलियारा बनाने पर सहमत हुए थे, जो भारतीय श्रद्धालुओं को बिना वीजा के गुरुद्वारा दरबार साहिब ले कर जाएगा. ये स्थान सिखों के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि अपने जीवन के अंतिम दिन गुरु नानक जी ने यहीं पर बिताए थे और सिख धर्म को संगठित भी किया था. इसके साथ ही प्रधानमंत्री यहां पर एक बड़ी जनसभा को संबोधित भी करेंगे.
