राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के जवाब पीएम मोदी ने देश को आगे ले जाने की प्रतिबद्धता दोहराई, कहा 3 सप्ताह के भीतर सरकार ने लिए कई महत्वपूर्ण फैसले, पीएम किसान योजना, सेना के जवानों के बच्चों को स्कॉलरशिप में वृद्धि के साथ कई अन्य योजनाओं को किया लागू, मानव अधिकारों से जुड़े अहम कानून लाने के लिए तैयारी की पूरी।
प्रधानमंत्री जब लोकसभा में राष्ट्रपति अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे, तो एक तरह से उन्होंने अपने दूसरे कार्यकाल की प्राथमिकताओं की तस्वीर सामने रख दी। ये साफ दिखी कि इस तस्वीर में आम आदमी के कल्याण और विकास का नया भारत है। इस दौरान सरकार की उपलब्धियों का जिक्र भी हुआ और आने वाले पांच साल का खाका भी खींचा। अपने भाषण में पीएम मोदी ने विपक्षी दलों के एक-एक सवाल का चुन-चुन कर जवाब दिया। सर्वजन हिताय और सर्वजन सुखाय की बात करते हुए पीएम मोदी ने गरीबों के कल्याण के साथ आधुनिक भारत के निर्माण की भी बात कही।
धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने पानी के महत्व को बखुबी समझाया। जलसंकट पर उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में देश को पानी की कमी का सामना करना पड़ रहा है जो सिर्फ जल संचयन से ही दूर हो सकता है। पीएम ने कहा सरकार सभी देशवासियों को स्वच्छ पानी की उपलब्धता को लेकर प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि कृषि हमारी ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और इसे आगे बढ़ाने के लिए किसानों को पुरानी परंपरा से बाहर आना पड़ेगा। किसानों की भलाई के लिए उन्होंने उद्योग जगत आगे आने का आह्वान किया। पीएम ने कहा कि देश में अभी सामाजिक बदलाव की गुंजाइश है।
कांग्रेस को आइना दिखाते हुए उन्होंने कहा कि यूपीए ने महिलासशक्तिकरण के कई मौके गंवा दिए। उन्होंने सभी दलों से वर्तमान सरकार द्वारा लाए गए तीन तलाक विधेयक को पारित कराने में सहयोग करने की अपील की। आपातकाल के काले अध्याय का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कांग्रेस को खुब खरी-खोटी सुनाई। उन्होंने कहा कि 1975 में लगाए गए आपातकाल के दाग को नहीं भूलने वाला करार दिया। उन्होंने लोकतंत्र के प्रति आस्था का महत्व समझाने के लिए ISS DIN को याद रखने की बात कही।
लोकसभा चुनाव में एनडीए की जबरदस्त का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि ये जीत जनता के लिए जूझना, खपना 5 साल की तपस्या के फल के रूप में मिला है। उन्होंने कहा कि देश को समर्पित गरीबों की सरकार है। कांग्रेस पर तंज कसते हुए पीएम मोदी ने एनडीए सरकार किसी के योगदान को नहीं नकारती। उन्होंने देश निर्माण में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के योगदान को सराहा। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान के बाद अब जय अनुसंधान की जरूरत पर जोर दिया। पर्यटन पर और बल देने की जरूरत बताते हुए भ्रष्टाचार की चुनौतियों से निपटने का आह्वान किया।