२९ / १२/२०१८ दिन शनिवार : (साहिल बी श्रीवास्तव फिल्म लेखक व् निर्देशक की कलम ) : आज की तारीख कांग्रेस पार्टी के लिए शनिवार बहुत भरी दिन साबित हुआ ये कह सकते हैं की आज शनि ग्रह ने वर्ष के आखरी दिनों में कांग्रेस का चैन छीन लिया हैं |
भारतीय जनता पार्टी पांच राज्यों की हार का विश्लेष्ण कर रही थी की लोकभा के चुनाव में किन मुद्दों के आधार पर जनता के बीच अपनी विकाश की यात्रा का गुण गान करे या किसी ऐसे मुद्दों को उछाला जाये जिसे कांग्रेस पार्टी अपनी बचाव के मुद्रा में आ जाये |
कांग्रेस पार्टी की अद्यक्ष राहुल गाँधी पिछले कई दिनों से हर मंच पर और प्रेस मिडिया के सामने राफेल के मुद्दे पर प्रधान मंत्री को कई बार बड़ी जोर शोर से नरेंद्र मोदी को देश पहरेदार नहीं हैं चोर कहा है लेकिन नरेंदर मोदी ने कभी भी राहुल के चोर वाले सवांद पर कभी कुछ नहीं कहा मुस्कुराया ज़रूर हैं इस मुस्कुराहट के पीछे की कहानी कुच्छ और ही हैं वो हैं कांग्रेस पार्टी के घोटले की लिस्ट रही होगी |
कांग्रेस पार्टी देश के आजाद होने के साथ सत्ता का सुख ही भोगा हैं और देश में कांग्रेस पार्टी की सरकार ही रही हैं | जिस तरह से देश की आज़ादी सारा श्रेय लेने की बात हर मंच से कही हैं लेकिन १९४७ के बाद से कांग्रेस पार्टी की सरकार में जितने घोटाले ये उनका श्रेय नहीं लिया हैं आज कांग्रेस पार्टी के घोटाले की परत दर परत चिठठा खोलने का क्रमवार लेखा जोखा किया जायेगा |
आज़ाद भारत में हुए उन घोटालों पर गाँधी परिवार में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और उनके बाद उनके परिवार पर जब भी कांग्रेस पार्टी की सरकार रही किसी न किसी घोटाले में इस परिवार का नाम जुड़ा रहा |
१९५७ में कलकत्ता के उद्योगपति हरिदास मूंदड़ा ने सरकारी इंश्योरेंस कंपनी एलआईसी के ज़रिए अपनी छह कंपनियों में 12 करोड़ 40 लाख रुपए का निवेश कराया.यह निवेश सरकारी दबाव में एलआईसी की इन्वेस्टमेंट कमेटी की अनदेखी करके किया गया. जब तक एलआईसी को पता चला उसे कई करोड़ का नुक़सान हो चुका था. प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के दामाद फ़िरोज़ गांधी ने इस घोटाले को उजागर किया, पंडित जवाहर लाल नेहरू इस घोटाले को बड़ी ख़ामोशी से निपटाना चाहते थे क्योंकि इससे देश की छवि खराब होने का डर था | इसलिए नेहरू अपने वित्तमंत्री टीटी कृष्णामाचारी को बचाने की हर संभव कोशिश की लेकिन आख़िरकार उन्हें इस्तीफ़ा देना पड़ा | इस तरह आज़ाद भारत के प्रथम घोटाले में पंडित जवाहर लाल नेहरू दागदार हो गये |
१९७१ –१९७३ कांग्रेस पार्टी की सरकार रही और इंद्रा गाँधी प्रधानमंत्री रही उनके भी कार्यकाल में उनकी छवि पर भी घोटाले की छीटे पड़ी | १९७१ सेना के पूर्व कैप्टेन रुस्तम सोहराब नागरवाला ने प्रधानमंत्री के आदेश पर संसद मार्ग स्तिथ सटे बैंक ऑफ़ इंडिया की ब्रांच में फोन कर ६० लाख रूपया निकल गया उस समय उस ब्रांच के हैड कैशियर वेद प्रकाश मलोह्त्रा थे इनको स्तीफा देना पड़ा और नागरवाल को जेल हो गयी और जेल में ही उनकी मृत्यु हो गयी | ठीक २ साल बाद १९७३ में मारुती कम्पनी की स्थपाना से पहले प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी का नाम मारुती घोटाले में आया था एक नयी बात और हुई थी मारुती टेक्नीकल सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड का एम् डी बनाया गया था जबकि इस पद इ लिए सोनिया गाँधी योग्य नहीं थी इंद्रा गाँधी की सरकार ने टैक्स फंड और जमीन लिए सभी नियमों को ताक पर रख दिया गया था लेकिन कम्पनी ने एक भी कार नहीं बना सकी और कुच्छ दिनों बाद १९७७ में कम्पनी हमेशा के लिए बंद कर दी गयी |
१९९०–२०१४ के दरमियाँ कांग्रेस पार्टी की सरकार थी और राजीव गाँधी देश के प्रधानमंत्री रहें बफोर्स घोटाला स्वीडन की तोप बनाने वाली कम्पनी ने राजीव गाँधी समेत कई कांग्रेसी नेतावों को करेब ६४ करोड़ रिश्वत के रूप में दी गयी थी सोनिया गाँधी के करीबी इतालवी कारोबारी ओतावियो क्वात्रोकी जिसने बिचोलिय का काम किया था जो अर्जेंटिना को चले गए इस घोटाले में भी किसी को सजा नहीं मिली |
१९३८ कांग्रेस पार्टी ने एक कम्पनी बनायी थी एसोसिएट जनर्ल्स लिमिटेड जिसके तहत नेशनल हेराल्ड ,नवजीवन और कौमी आवाज़ का प्रकाशन किया जा रह था लेकिन २००८ में ये अखबार बंद कर दिया गया कम्पनी की देनदारिय बहुत थी करीबन ९०.२१ करोड़ रूपया था मार्च २०११ में सोनिया गाँधी और राहुल गंधी ने एक नयी कंपनी यंग इंडिया लिमिटेड की स्थापना की गयी इस कम्पनी में ३८%-३८% की बराबरी की हिसेदारी रही बड़ी चलाकी से ये कारोबार किया गया एक नजरिये से इसे भी घोटालो के रूप में देश देखता हैं |
२०१२ डी.ल. ऍफ़ घोटाले की गूंज भी देश ने सुनी सोनिया गाँधी के दमाद रोबर्ट बाड्रा ने ब्याज मुक्त ६५ करोड़ का लों लेने का आरोप लगा और उस धन का रियल स्टेट में बहुत कम कीमतों में जमीन खरीद–फरोख्त का भी आरोप लगा
२०१३ कांग्रेस पार्टी की अध्यक्षा सोनिया गाँधी के राजनितिक सचिव अहमद पटेल पर इतालवी चॉपर कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड से कमीशन लेने के आरोप लगे जिसके तहत अगस्ता वेस्टलैंड से भारत को 36 अरब रुपए के सौदे के तहत 12 हेलिकॉप्टर ख़रीदने थे |
इतालवी कोर्ट में इस बात की पुष्टि १५ मार्च २००८ के दिन इस बात की खबर भी आयी की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया इस वीआईपी चॉपर ख़रीद के पीछे अहम भूमिका निभा रही थीं. इस बात की चर्चा हमेशा रहती रही लेकिन इस केस को सीबीआई के पास चला गया और सीबीआई ने अपने छानबीन में ये पाया कि वीवीआईपी हेलीकाप्टरों की आपूर्ति के लिए आठ फरवरी 2010 को हस्ताक्षरित सौदे से सरकारी राजस्व को करीब 2666 करोड़ रुपये का अनुमानित नुकसान हुआ |
ईडी ने जून 2016 में मिशेल के खिलाफ दायर आरोपपत्र में कहा था कि उसे अगस्तावेस्टलैंड से करीब 225 करोड़ रुपये प्राप्त हुए | मिशेल इस मामले में जांच के दायरे में मौजूद तीन बिचौलियों में से एक है. उनके अलावा दो अन्य बिचौलिये गुइदो हाश्के और कार्लो गेरोसा हैं. अदालत द्वारा मिशेल के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी करने के बाद ईडी और सीबीआई ने उसके खिलाफ इंटरपोल रेड कार्नर नोटिस जारी करवाए थे मिशेल ने ‘मिसेज गांधी‘ जी का नाम लिया है. ‘सन ऑफ इटैलियन लेडी‘ ये उल्लेख किया है. ‘आर‘ ये उल्लेख किया है. ‘बिग मैन‘ ये उल्लेख किया है. ‘पार्टी लीडर‘ ये उल्लेख किया है. पहले सिर्फ हमें दो शब्द मालूम थे. ‘फैमिली‘ और ‘एफएएम‘|
प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि मामले में बड़ी साजिश का पता लगाने के लिए उससे हिरासत में पूछताछ जरूरी है। मिशेल को हाल में दुबई से प्रत्यर्पित किया गया था।उसे प्रवर्तन निदेशालय ने 22 दिसम्बर को गिरफ्तार किया |अब नया खुलासा हो गया. सभी एक ही परिवार (गाँधी) के तरफ इशारा करता है. हमारा सबसे बड़ा मुद्दा यह है कि कांग्रेस की सरकार घोटालों की सरकार रही| देश के सुरक्षा के साथ समझौता करके सिर्फ घोटाला किया गया. जल, थल, आकाश सभी जगह घोटाले किए गए.