उच्चतम न्यायालय ने अयोध्या भूमि विवाद मामले में सभी पक्षों से बहस पूरी करने के लिए समय सीमा निश्चित करने को कहा है क्योंकि यह कार्यवाही 18 अक्तूबर तक पूरी की जानी है। शीर्ष न्यायालय ने मुस्लिम पक्षों से कहा कि वे एएसआई रिपोर्ट पर अपनी बहस जल्द ही पूरी कर लें। न्यायालय ने कहा कि अक्तूबर में छुट्टियां पड़ रही हैं और चार हिन्दु पक्षों के केवल एक अधिवक्ता को प्रत्युत्तर पेश करने की अनुमति दी जाएगी।
इस बीच, मुस्लिम पक्ष ने आज भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण-एएसआई की 2003 की रिपोर्ट पर सवाल उठाने से पलटते हुए न्यायालय से उसका समय बर्बाद करने के लिए माफी मांगी। प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ को वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने बताया कि वे एएसआई की रिपोर्ट के सारांश को चुनौती नहीं देना चाहते।
कल वरिष्ठ अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा ने मुस्लिम पक्ष की ओर से एएसआई की रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए कहा था कि इसके हर अध्याय का एक लेखक है परन्तु सारांश बनाने वाले का नाम नहीं दिया गया है।
