लॉकडाउन के दौरान मनरेगा के तहत कृषि और प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है।
गृह मंत्रालय की अधिकारी ने कहा कि 26 अप्रैल तक गेहूं की 80 प्रतिशत से अधिक फसलकी कटाई हो चुकी है। देश की 80 प्रतिशत मंडियों में खरीद शुरू हो गई है। 60 प्रतिशतखाद्य प्रसंस्करण इकाइयों में भी काम शुरू हो गया है। अधिकारी ने बताया कि इस अवधि के दौरान कृषि और प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए देशभर में मनरेगा कार्य तथा निर्माण कार्य चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत दो करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार मिला है।
मनरेगा के तहत भी कार्यों ने गति पाई है। वॉटर कॉन्ज़रवेशनऔर एैरिगेशन जैसे लार्ज कम्यूनिटी एैसेट्स पर भी मनरेगा के तहत काम शुरू हो गया हैऔर दो करोड़ से ज्यादा श्रमिकों को रोजगार प्राप्त हुआ है। सर्वे के अनुसार लगभग 60 पर्सेन्ट फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स ऑपरेश्नल हो गई हैं। स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन्स में 2825 इकाइयां और इसके अलावा 350 एक्स्पोर्ट ओरियेन्टेड यूनिट्स भी क्रियाशील हो चुकी हैं।
आपूर्ति श्रृंखला से जुड़े अधिकार प्राप्त समूह के अध्यक्ष ने आवश्यक वस्तुओं कीआपूर्ति और लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र में प्रगति पर प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन की अवधि के दौरान आलू, प्याज और टमाटर की कीमतें मोटे तौर पर स्थिर बनी हुई हैं। सरकार, एनजीओ और उद्योग जगत डेढ़ करोड़ से अधिक लोगों को रोजाना भोजन उपलब्ध करा रहे हैं। अध्यक्ष ने बताया कि दूध और रसोई गैस सिलिंडर की आपूर्ति लॉकडाउन से पहले के स्तर पर ही बनाए रखी गई है।
