केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने मंगलवार को मौलाना आज़ाद एजुकेशन फाउंडेशन के 112वें प्रबंध निकाय और 65वीं आम सभा बैठकों की अध्यक्षता की. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने स्वस्थ समावेशी विकास के वातावरण का निर्माण किया है. मोदी सरकार इकबाल, इंसाफ और ईमान की सरकार साबित हुई है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार समावेशी विकास, सर्वस्पर्शी विश्वास के प्रति समर्पित है.
मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि स्कूली शिक्षा को बीच में ही छोड़ देने वाली अल्पसंख्यक समुदाय की बालिकाओं को शिक्षा और रोजगार प्रदान करने के लिए देश के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों द्वारा संचालित ‘ब्रिज कोर्स’ से जोड़ा जाएगा.
मदरसा शिक्षकों को हिन्दी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, कम्प्यूटर आदि विषयों में प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वे मदरसा के छात्रों को मुख्यधारा की शिक्षा प्रदान कर सकें.
उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य प्रशासनिक सेवाओं, बैंकिंग सेवाओं, कर्मचारी चयन आयोग, रेलवे और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए आर्थिक रूप से कमजोर अल्पसंख्यकों-मुस्लिम, इसाई, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी समुदाय के युवाओं को नि:शुल्क कोचिंग सुविधा प्रदान की जाएगी.
केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने कहा कि तीन(ई)- शिक्षा, रोजगार और सशक्तिकरण के माध्यम से अल्पसंख्यकों विशेषकर लड़कियों का सामाजिक-आर्थिक-शैक्षणिक सशक्तिकरण सुनिश्चित किया जाएगा. इसके लिए मैट्रिक पूर्व, मैट्रिक बाद और मेधा सह-आय समेत विभिन्न छात्रवृत्तियों के माध्यम से अगले पांच वर्षों में पांच करोड़ छात्रों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी. छात्रवृत्ति प्राप्त करने वालों में 50 प्रतिशत बालिकाएं होंगी. इसमें अगले पांच वर्षों के लिए दस लाख बेगम हजरत महल बालिका छात्रवृत्तियां शामिल हैं.
मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम (पीएमजेवीके) के तहत स्कूल, कॉलेज, पॉलिटेक्निक, बालिका छात्रावास, आवासीय विद्यालय, जन सुविधा केंद्र आदि का निर्माण युद्धस्तर पर किया जा रहा है.
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने कहा कि पूरे देश के उन क्षेत्रों में ‘पढ़ो, बढ़ो’ जागरूकता अभियान चलाया जाएगा, जहां लोग सामाजिक-आर्थिक वजहों से अपने बच्चों को विशेषकर लड़कियों को स्कूल नहीं भेजते हैं. यह अभियान बालिकाओं की शिक्षा पर केंद्रित होगा. इस जागरूकता अभियान के तहत नुक्कड़ नाटक, लघु फिल्में, सास्कृतिक कार्यक्रम आदि का आयोजन किया जाएगा. यह अभियान देश के 60 अल्पसंख्यक बहुल जिलों में लॉन्च किया जाएगा.
