माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को एक सपना दिया था एक नारा दिया था सबका साथ सबका विकास और इसी आधार पर वह चुनाव जीत कर बहुमत से सरकार बनी और देखते देखते सरकार के ४ साल और कुछ माह भी बीत गए | देश की जनता ने उन्हें बहुत प्यार दिया सम्मान दिया और और भरपूर वोट भी दिया जिससे कि उन्हें किसी भी कार्य करने में कोई भी कठिनाइयों का सामना ना करना पड़े | निश्चित तौर
भारतीय जनता पार्टी की बड़ी जीत रही और कमल खिल गया | बहुत जल्द अब २०१९ के लोकसभा का चुनाव भी होना हैं ये देखना बहुत दिलचस्प होगा की भारतीय जनता पार्टी की सरकार अपने दिए गए विश्वास वादों पर कितनी खरी उतरी हैं |
देश का मूड अभी बदल रहा हैं अभी हाल फिलहाल राज्यसभा के पांच राज्यों के चुनाव के परिणाम ने तो भारतीय जनता पार्टी को मंथन करने पर मजबूर कर दिया हैं | कही न कही कुछ भूल सी लगती हैं या अपनी विकाश यात्रा की उपलब्धियों को भाजपा सरकार ने सही तरीके से जनता को समझाने में सफल नहीं हों पायी हैं | देश की विकाश की बात करे तो विकाश तो हुआ हैं या नहीं हुआ हैं ? इस यक्ष प्रश्न का विश्लेष्ण करना हमारा उत्तर्दिय्त्व बन जाता हैं |
भारतीय जनता पार्टी ने २०१४ का चुनाव नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लड़ा था | इस नेतृत्व को क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बखूबी निभा पाए हैं या जुमले की सरकार रही हैं ? ये विपक्ष का आरोप रहा हैं ? आज हम इसी बात का विश्लेषण करेंगे हम यह जानना चाहेंगे कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेतृत्ववाली सरकार में क्या विकास हुआ ? क्या जो सपना देखा था हमने सबका साथ सबका विकास उस नारे को सही रूप मिला स्वरूप मिला तो चलिए हम उसी का लेखा–जोखा करते हैं नया साल आप सभी को खुशियां लेकर आए हैं और मैं इसी के साथ इस सरकार को भी आप सभी पाठकों को भी नए वर्ष की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ आज सरकार की उपलब्धियों पर विश्लेषण करुंगा |
सरकार की उपलब्धियों का आम जनता का जानना बहुत जरूरी होता है जिन्हें वोट देकर बड़ी बहुमत से जनता जीत दिलाती हैं क्या वह हमारे देश के लिए यह हमारे हितों की रक्षा कर पायी हैं या हमें जो सपना दिखाया गया था वह सपना क्या पूरा हो पाया या एक जुमला नारा या चुनाविन स्टंट ही साबित हुआ |
ऐसे बहुत से सवाल है अक्सर यह देखा जाता है की राजनीति में विपक्ष की जो रणनीति होती है वह कभी भी सरकार के अच्छे पहलुओं को जनता से अवगत नहीं कराती हैं न ही उनकी कभी तारीफ करती है यह एक विडंबना है विपक्ष का मतलब विरोध ? विरोध का मतलब कि सरकार के किसी भी अच्छी योजनाओं के बारे में कमियों का उजागर करना ? या उसे किस तरीके से उस उस योजना को अपनी योजनाओं से बेहतर बताने की कोशिश करने की राजनीति की जाती हैं | जबकि देश किस्सी व्यक्ति विशेष का नहीं हैं ना ही किसी पार्टी का देश सभी का है जो भी इस देश की सरकार को चलाने के लिए आता है उसका कर्तव्य बन जाता है |
भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव जितना ही उसका सबसे बड़ा मुद्दा था भ्रष्टाचार ?
क्या भ्रष्टाचार मुक्त हो पाया और दूसरा सवाल और भी है भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेताओं ने कहा था कि विदेशों से जो काला धन है वो लेकर आयेंगे और एक–एक भारतीय नागरिक के अकाउंट में १५ लाख तक जमा हो जायेंगे | एक उदाहरण दिया गया जैसा लगता हैं संभावना व्यक्त करने जैसा इसका अर्थ ये हुआ की भारत का इतना धन विदेश में जमा हैं काले धन के रूप में इसके भारत आने से हर भारतीय व्यक्ति के पास १५ लाख रुपया आ जायेगा | ये चुनावी सवांद रहा लेकिन विपक्ष ने जनता को ये विश्वास दिला दिया की भाजपा ने ये झूठे वादे किये भारत की आम जनता ने भी इस उदाहरण को सच मान कर सरकार से १५लाख रुपया की आस लगायी बैठी हैं |ऐसे बहुत से सवाल हैं जिनका विश्लेषण करना जरूरी हो जाता हैं |
राज्यसभा के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के 5 राज्यों में जो उन्हें हार का सामना करना पड़ा | पार्टी खुद इस विषय पर मंथन कर रही है वह विश्लेषण करने की कोशिश कर रही है कि कहां चूक हो गई जनता ने उन्हें वह सम्मान नहीं दिया जिस सम्मान के वो हकदार थे इसी विषय को लेकर इसी विश्लेषण को लेकर भारतीय जनता पार्टी 16 मई से 15 जून के बीच में विकासशील भारत निर्माण के बैनर तले एक उत्सव का आयोजन बनाए बना रही है और जगह–जगह वह प्रेस मीडिया के साथ रूबरू होने की कोशिश कर रही है और सरकार अपनी उपलब्धियों को जनता के बीच जनता को समर्पित करना चाहती है बताना चाहती है कि इन 4 सालों में सरकार ने इस देश के लिए क्या–क्या किया उसके विकास का रथ का पहिया किस प्रगति के साथ आगे बढ़ता रहा|
नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री रहे तो बड़े आशावादी रहे और गुजरात का विकास भी होगा उन्होंने देश के सामने गुजरात को एक मॉडल राज्य के रूप में रखा भी देश के लोग गुजरात की प्रगति से बहुत प्रभावित भी रहे लेकिन विपक्ष का मानना है कि इस तरह की कोई बात नहीं नहीं गुजराती समुदाय वह व्यापारिक समुदाय है वह किसी भी परिस्थितियों में वह प्रगति की राह चुनी लेता है लेकिन अगर इन सच्चाई यों को हम देखने की कोशिश करें एक अलग आईने से तो निश्चित ही किसी भी सरकार के मुखिया का कर्तव्य होता है कि वह अपने राज्य में इस तरह का माहौल पैदा करें कि वहां व्यापार प्रगति कर सके माननीय नरेंद्र मोदी ने वही कार्य किया गुजरात में मुख्यमंत्री रहते हुए अपने कार्यकाल में इस तरीके का व्यापारिक माहौल बनाया सुरक्षा की गारंटी दिया और व्यवसाय के डवलपमेंट के लिए कुछ इस तरह का माहौल पैदा किया कि व्यापारिक वर्ग गुजरात में आकर अपने बिजनेस की अच्छी शुरुआत की एक अच्छी पहल रही और गुजरात अपने विकास के पथ पर चलने लगा यही वह बात थी जो देश को भा गई और देश ने पूर्ण बहुमत से भारतीय जनता पार्टी की सरकार को केंद्र की सत्ता सौंप दी| देश ने भाजपा सरकार से बहुत उम्मीद ने लगी ये नरेंद्र मोदी के नेत्रित्व पर देश ने भरोसा किया |
देश बहुत जल्दी विकास करेगा प्रगति की राह पर चलेगा| चला भी प्रगति भी हुई लेकिन भारतीय जनता पार्टी अपनी प्रगति को जनता के बीच में सही तरीके से बताने में नाकामयाब हो गई लेकिन कहते हैं कि सुबह का भूला शाम को वापस आ जाए तो उसे भूला नहीं कहते | भारतीय जनता पार्टी के सभी नेताओं ने कमर कस ली है कि वह जनता के बीच में जाकर भारतीय जनता पार्टी की सरकार की उपलब्धियों को जनता के बीच में बताएंगे और समझाने की कोशिश करेंगे उन्होंने किन–किन तरह की उपलब्धियां माननीय नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश का विकास कैसे हुआ किस तरीके से हुआ किन किन योजनाओं को हमने क्रियान्वित किया इससे देश का देश के नागरिकों का क्या फायदा हुआ|
क्या भ्रष्टाचार मुक्त हो पाया और दूसरा सवाल और भी है भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेताओं ने कहा था कि विदेशों से जो काला धन है वो लेकर आयेंगे और एक–एक भारतीय नागरिक के अकाउंट में १५ लाख तक जमा हो जायेंगे | एक उदाहरण दिया गया जैसा लगता हैं संभावना व्यक्त करने जैसा इसका अर्थ ये हुआ की भारत का इतना धन विदेश में जमा हैं काले धन के रूप में इसके भारत आने से हर भारतीय व्यक्ति के पास १५ लाख रुपया आ जायेगा | ये चुनावी सवांद रहा लेकिन विपक्ष ने जनता को ये विश्वास दिला दिया की भाजपा ने ये झूठे वादे किये भारत की आम जनता ने भी इस उदाहरण को सच मान कर सरकार से १५लाख रुपया की आस लगायी बैठी हैं |ऐसे बहुत से सवाल हैं जिनका विश्लेषण करना जरूरी हो जाता हैं |
राज्यसभा के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के 5 राज्यों में जो उन्हें हार का सामना करना पड़ा | पार्टी खुद इस विषय पर मंथन कर रही है वह विश्लेषण करने की कोशिश कर रही है कि कहां चूक हो गई जनता ने उन्हें वह सम्मान नहीं दिया जिस सम्मान के वो हकदार थे इसी विषय को लेकर इसी विश्लेषण को लेकर भारतीय जनता पार्टी 16 मई से 15 जून के बीच में विकासशील भारत निर्माण के बैनर तले एक उत्सव का आयोजन बनाए बना रही है और जगह–जगह वह प्रेस मीडिया के साथ रूबरू होने की कोशिश कर रही है और सरकार अपनी उपलब्धियों को जनता के बीच जनता को समर्पित करना चाहती है बताना चाहती है कि इन 4 सालों में सरकार ने इस देश के लिए क्या–क्या किया उसके विकास का रथ का पहिया किस प्रगति के साथ आगे बढ़ता रहा|
नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री रहे तो बड़े आशावादी रहे और गुजरात का विकास भी होगा उन्होंने देश के सामने गुजरात को एक मॉडल राज्य के रूप में रखा भी देश के लोग गुजरात की प्रगति से बहुत प्रभावित भी रहे लेकिन विपक्ष का मानना है कि इस तरह की कोई बात नहीं नहीं गुजराती समुदाय वह व्यापारिक समुदाय है वह किसी भी परिस्थितियों में वह प्रगति की राह चुनी लेता है लेकिन अगर इन सच्चाई यों को हम देखने की कोशिश करें एक अलग आईने से तो निश्चित ही किसी भी सरकार के मुखिया का कर्तव्य होता है कि वह अपने राज्य में इस तरह का माहौल पैदा करें कि वहां व्यापार प्रगति कर सके माननीय नरेंद्र मोदी ने वही कार्य किया गुजरात में मुख्यमंत्री रहते हुए अपने कार्यकाल में इस तरीके का व्यापारिक माहौल बनाया सुरक्षा की गारंटी दिया और व्यवसाय के डवलपमेंट के लिए कुछ इस तरह का माहौल पैदा किया कि व्यापारिक वर्ग गुजरात में आकर अपने बिजनेस की अच्छी शुरुआत की एक अच्छी पहल रही और गुजरात अपने विकास के पथ पर चलने लगा यही वह बात थी जो देश को भा गई और देश ने पूर्ण बहुमत से भारतीय जनता पार्टी की सरकार को केंद्र की सत्ता सौंप दी| देश ने भाजपा सरकार से बहुत उम्मीद ने लगी ये नरेंद्र मोदी के नेत्रित्व पर देश ने भरोसा किया |
देश बहुत जल्दी विकास करेगा प्रगति की राह पर चलेगा| चला भी प्रगति भी हुई लेकिन भारतीय जनता पार्टी अपनी प्रगति को जनता के बीच में सही तरीके से बताने में नाकामयाब हो गई लेकिन कहते हैं कि सुबह का भूला शाम को वापस आ जाए तो उसे भूला नहीं कहते | भारतीय जनता पार्टी के सभी नेताओं ने कमर कस ली है कि वह जनता के बीच में जाकर भारतीय जनता पार्टी की सरकार की उपलब्धियों को जनता के बीच में बताएंगे और समझाने की कोशिश करेंगे उन्होंने किन–किन तरह की उपलब्धियां माननीय नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश का विकास कैसे हुआ किस तरीके से हुआ किन किन योजनाओं को हमने क्रियान्वित किया इससे देश का देश के नागरिकों का क्या फायदा हुआ|
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को एक नई ऊंचाइयों को ले जाने का जो अथक प्रयास माननीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने जो कोशिश की गई उसमें भारतीय जनता पार्टी की सरकार सफल हुई यहां तक कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि जो होनी थी उसको एक नई ऊंचाइयों तक ले जाने में नरेंद्र मोदी का बहुत बड़ा योगदान रहा है जहां तक बात अगर देखा जाए तो नरेंद्र मोदी की विदेश नीति की सबसे बड़ी सिर्फ उपलब्धि यह रही कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का सम्मान बड़ा यह जरूर है कि विपक्ष में इसकी हमेशा आलोचना की गई इस तथ्य को भी हम नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं विदेश यात्रा ने देश को बहुत अच्छे अच्छे मित्र देशों से बहुत अच्छे संबंध बनाए हैं
जिस तरीके से नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री रहे उन्हें अमेरिका ओबामा सरकार ने आने से मना कर दिया था बैन लगा दिया था उसी ओबामा सरकार ने बड़ी गर्मजोशी से स्वागत किया | भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जापान के पीएम शिंजो आबे के साथ गंगा आरती में भाग लेना यह भी एक प्रयास था दिल को छू लेने वाला था देश को सम्मान बढ़ रहा था दुनिया में बड़े बड़े राजनयिकों से दोस्ती हुई इस गतिशीलता के कारण इस दोस्ती के कारण कई देश भारत के साथ खड़े हो गए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद पर दुनिया के सामने खुलकर अपनी बात रख सके और बहुत से देशों ने भारत का समर्थन भी किया उन्हें यह में लगा कि भारत अपनी बात सही तरीके से कह रहा है यह अंतरराष्ट्रीय स्तर की जो छवि थी जो यात्राएं थी उन्हीं का सफल परिणाम है कि पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद पर खुलकर दुनिया के सामने बात की गयी भारत अपनी बात बेहतर तरीके से रख सका और दुनिया के नक्शे पर पाकिस्तान एक आतंकवाद देश के रूप में जाना गया वैसे तो भारत बांग्लादेश नेपाल कई देशों की मदद भी की कई देशों में हम हमने अपनी नई योजनाओं को अंजाम भी दिया एक नया रास्ता तय किया |
एक नया रास्ता तय किया इसका परिणाम यह हुआ कि क्षेत्रीय प्रभुत्व बाधा हैं |
संवेदनशील मुद्दों पर आक्रमण तरीके से नरेंद्र मोदी ने अपनी सभ्यता संवेदनशीलता को दुनिया के सामने रखा पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद को सही तरीके से दुनिया के सामने रखी गई | पाकिस्तान द्वारा कश्मीर में जिस तरीके से आतंकवाद को पत्थरबाजों के द्वारा बढ़ावा दिया जा रहा था उसका भी माकूल जवाब भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने दिया सर्जिकल स्ट्राइक के रूप में दुनिया के सामने एक अद्भुत घटना देखने को मिली कि पहली बार भारत ने सर्जिकल स्ट्राइक को दुनिया के सामने स्वीकार और पाक की जमीन में घुसकर आतंकवादी ठिकानों को नष्ट किया गया यह सारी दुनिया ने भी देखा |
भारत चीन सीमा पर भी दोनों देश की सेनावों का अमन सामना दोक्लाम में हुआ और ऐसी स्थिति आ गई दुनिया को लगता था चीन और भारत में एक छद्म युद्ध भी होगा लेकिन नरेंद्र मोदी अपने विश्वास और अपनी बातों पर अटल रहे और परिणाम यह निकला कि चीन सरकार ने अपनी सेनाओं को दो कदम पीछे हटाया और इस तरीके से डोकलाम में एक हमारी जीत थी|
श्रीलंका में जिस तरीके से चुनाव हुए और और श्रीलंका से आज भारत के अच्छे संबंध भी हुए भारत में पहली बार इजराइल का खुलकर समर्थन किया और इसका परिणाम यह हुआ कि इजरायल देश की रक्षा प्रौद्योगिकी में बहुत से सौदे एक दूसरों के साथ किए गए जिससे मिलकर दोनों देश विकास की प्रगति पर एक साथ आगे बढ़ सके |
आज इसराइल हमारी रक्षा हमारी प्रगति में वह हमारा मददगार मित्र भी साबित हो रहा है डोकलाम की जो घटना थी वह एक ऐसी घटना थी जो भारत ने पूरी दुनिया के सामने अपना प्रतिरोध बहुत अच्छे तरीके से दिखाया और यह बताने की कोशिश किया कि चीन के खिलाफ वह हारा नहीं उसके दबाव से हटा नहीं उसने अपने अंतरराष्ट्रीय छवि को मजबूत किया और यह साबित कर दिया कि भारत एक शांतिप्रिय देश है लेकिन अगर उसके साथ नाइंसाफी हुई तो वह अपने बचाव के लिए कुछ भी कर सकता है दुनिया ने भारत के बहुत अच्छे तरीके से समझा | भारत अपने रक्षात्मक रवैया और शांतिप्रिय देश के रूप में दुनिया के सामने उपलब्धि हासिल की हैं |
( सबका साथ सबका विकाश –कल पढ़े ….देश की उपलब्धियों की यात्रा)
लेखक निर्देशक साहिल बी श्रीवास्ताव
