जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ पर हुए हमले के बाद से पूरे देश में गुस्से का माहौल है। हर कोई चाहता है कि पाकिस्तान को सबक सिखाया जाए। इस हमले को लेकर सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक हुई जिसमें फैसला लिया गया कि पाकिस्तान से ‘मोस्ट फेवर्ड नेशन’ का दर्ज छीन लिया जाएगा। इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को अलग-थलग करने की भी रणनीति कूटनीति अपनाई जाएगी।
जाने क्या है मोस्ट फेवर्ड नेशन
मोस्ट फेवर्ड नेशन यानी सर्वाधिक तरजीह दिया जाना वाला देश। विश्व व्यापार संगठन और इंटरनेशनल ट्रेड नियमों के आधार पर व्यापार में सर्वाधिक तरजीह वाला देश (एमएफएन) का दर्जा दिया जाता है। एमएफएन का दर्जा मिल जाने पर दर्जा प्राप्त देश को इस बात का आश्वासन रहता है कि उसे कारोबार में नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा।
इससे क्या लाभ होगा
एमएफएन का दर्जा कारोबार में दिया जाता है। इसके तहत आयात-निर्यात में आपस में विशेष छूट मिलती है। दर्जा प्राप्त देशों से कारोबार सबसे कम आयात शुल्क पर होता है। सीमेंट, चीनी, ऑर्गेनिक केमिकल, रुई, सब्जियों और कुछ चुनिंद फलों के अलावा मिनरल ऑयल, ड्राई फ्रूट्स, स्टील जैसी कमोडिटीज और वस्तुओं का कारोबार दोनों देशों के बीच होता है।
पाकिस्तान को क्या होगा नुकसान
भारत के साथ उसका अच्छा खासा व्यापार होता रहा है। सीमा पर तनाव के बावजूद व्यापार निर्बाध चलता रहा है। पाकिस्तान इस समय बड़ी आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहा है और ऐसे में इस फैसले से उसे आर्थिक झटका लगना तय है। संभावना है कि अगर भारत पाकिस्तान का मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा खत्म करता है तो हो सकता है कि पाकिस्तान अपनी तरफ से भारत के साथ व्यापार ही रोक दे। ऐसे में इस फैसले से भारत को भी नुकसान हो सकता है।
