भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और तीन बार राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके बीएस येदियुरप्पा ने एक बार फिर CM पद की शपथ ली। बीएस येदियुरप्पा को राज्यपाल वजुभाई वाला ने पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। शपथ लेने के बाद प्रेस को संबोधित करते हुए बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि वो 29 जुलाई को सदन में सरकार की तरफ से विश्वास प्रस्ताव रखेंगे। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि पीएम किसान योजना के अलावा राज्य सरकार किसानों को दो किस्तों में दो दो हजार रुपये की सहायता देगी।
पिछले कई दिनों से चला आ रहा कर्नाटक का नाटक खत्म हो गया। शुक्रवार शाम भाजपा के नेता बी एस येदियुरप्पा ने चौथी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल वजुभाई वाला ने राजभवन में येदियुरप्पा को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। कर्नाटक में एच डी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन सरकार गिरने के तीन दिन बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बी एस येदियुरप्पा मुख्यमंत्री बने। राज्य में तेजी से बदले घटनाक्रम में येदियुरप्पा ने शुक्रवार सुबह ही सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए राज्यपाल वजुभाई वाला से मुलाकात की थी और उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाने का अनुरोध किया था। इसके बाद राज्यपाल ने उन्हें सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया। सात बार के विधायक येदियुरप्पा ने राजभवन में आयोजित समारोह में अकेले ही शपथ ली । हरे रंग का अंगवस्त्र पहने येदियुरप्पा ने कन्नड भाषा में शपथ ली।
मई 2018 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के महज तीन दिन बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था। दरअसल, वह बहुमत हासिल करने में नाकाम रहे थे। इसके बाद कांग्रेस जेडीएस ने गठबंधन सरकार बनायी लेकिन 14 महीने में ही विधायकों के बागी हो जाने के चलते सरकार गिर गयी । येदियुरप्पा के सरकार बनाने का दावा पेश करने से एक दिन पहले विधानसभा अध्यक्ष के आर रमेश कुमार ने कांग्रेस के तीन बागी विधायकों को सदन की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया जबकि शेष विधायकों पर उनका फैसला फिलहाल लंबित है। वर्तमान में भाजपा के विधायकों की संख्या 105 है और वह विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी है।दो और निर्दलीय भी उसके साथ हैं जबकि गठबंधन के पास 99 विधायक हैं।
इस बीच बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने कहा है कि कुमारस्वामी की सरकार अपने ही बोझ के तले दबकर गिर गई। उन्होंने ये भी कहा कि राज्य की जनता को येदुरप्पा के नेतृत्व में एक स्थायी सरकार मिलेगी।
शपथ के बाद विधानसभा में बहुमत साबित करना,मंत्रिमंडल के लिए नाम तय करना और कांग्रेस-जद(एस) के बागी विधायकों के इस्तीफे से खाली हुई सीटों पर उपचुनाव कराना येदियुरप्पा के लिए पहली चुनौती होगी। इसके अलावा राज्य में साफ सुथरा प्रशासन और किसानों की समस्याओं को हल करना उनकी अहम प्राथमिकता होगी ।
