लोकसभा का बजट सत्र पिछले 20 वर्षों के मुकाबले बेहद उत्पादक चल रहा है। 17वीं लोकसभा का पहला सत्र अपने निर्धारित समय से ज्यादा काम कर रहा है, पिछले 20 वर्षों में इसकी उत्पादकता अभी तक सबसे अधिक रही है।
पीआरएस के आंकड़ों के अनुसार, इस बार 16 जुलाई तक लोकसभा की उत्पादकता 128 फीसद है। यह पिछले 20 वर्षों में किसी भी सत्र की तुलना में सबसे ज्यादा है लेकिन बावजूद इसके सरकार के लंबे चौड़े विधायी कामकाज के एजेंडे के 100 फीसदी पूरे होने की संभावना थोड़ी कम ही है। कारण अभी कई अहम विधेयकों को सदन में चर्चा के बाद पारित कराया जाना है। ऐसे में सवाल ये है कि क्या बजट सत्र जो फिलहाल 26 जुलाई तक है उसे आगे बढ़ाया जाएगा। फिलहाल अभी सिर्फ अटकलें लगाई जा रही है।
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संसद के दोनो सदनो में गुरूवार को भी जमकर कामकाज हुआ। राज्यसभा में प्रश्नकाल के बाद अहम बिधेयको को चर्चा के लिये सदन के पटल पर रखा गया। वहीं लोकसभा में प्रश्नकाल के बाद वित्त विधेयक पर चर्चा हुई. चर्चा के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जवाब दिया और फिर वित्त विधेयक को पारित कर दिया गया। वित्त मंत्री ने कहा मोदी सरकार ई पेमेंट को बढ़ावा देने के साथ साथ नकद लेन देन को हतोत्साहित करना चाहती है। वित्त मंत्री ने बताया कि पर्यावरण की चिंताओं को देखते हुये बजट में ई कारों को बढ़ावा देने के लिये आयकर में छूट सहित प्रोत्साहनों को ऐलान किया गया है।
लोकसभा से वित्त विधेयक के पारित होने के साथ ही कराधान से जुड़े बदलावों को लोकसभा की मंजूरी मिल चुकी हैं।वित्त विधेयक के पारित होने के बाद शून्य काल मे देर रात तक सांसदों ने अपने अपने मे मुद्दे उठाए।खासतौर पर पहली बार चुनकर आये सांसदों और महिला सांसदो को लोकसभा में अपनी बात रखने का लोक सभा अध्य्क्ष ओम बिरला ने विशेष मौका दिया। उधर गुरुवार को राज्यसभा में पॉस्को कानून में बदलाव के लिये पास्को संशोधन बिल केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने राज्यसभा में पेश किया गया ।इस बिल में बच्चो के बलात्कार के मामलों में फांसी की सजा देने का प्रावधान किया गया है। इसके साथ बाल पोनोग्राफी पर रोक लगाने के लिए जुर्माना और जेल भेजने का प्रावधान भी रखा गया है। इसके अलावा बाल यौन उत्पीड़न के अन्य अपराधों की भी सजा कड़ी करने का प्रावधान किया गया है। इस बिल को पेश करने के बाद राज्यसभा में अन्तरराष्ट्रीय आरबीटेशन और सुलह से जुडे दो अहम बिल चर्चा के बाद पारित किये गए।
गुरुवार सुबह इससे पहले सुबह 11 बजे राज्यसभा में विदेश मंत्री के बयान के बाद उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था और कर्नाटक के मुद्दे पर हंगामा हुआ। कांग्रेस और सपा सदस्यों के हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही भी 12 बजे तक बाधित हुई। लेकिन उसके बाद राज्यसभा में भी जमकर कामकाज हुआ। संसद के मौजूदा सत्र के दौरान कई दिन देर शाम तक संसद चली है।जो कि संसद के इतिहास में यह नया रिकॉर्ड है. इस बार बजट सत्र 17 जून से शुरू हुआ था. 24 जून को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर देर शाम तक चर्चा हुई तो आम बजट पर 8 जुलाई को दोपहर बाद चर्चा शुरू हुई, जो रात 8 बजे तक चली. इसके अगले दिन 9 जुलाई को रात 11 बजे तक आम बजट पर चर्चा हुई.
हालांकि संसद के बजट सत्र के दौरान कई मुद्दों मसलन कर्नाटक के घटनाक्रम, पोस्टल एक्ट आदि को लेकर खासकर राज्यसभा में हंगामा भी हुआ है लेकिन ये ज्यादा देर तक नही चला। सभी दलों के नेताओ ने सदन चले इसको लेकर दिलचस्पी दिखाई है। गौरतलब है सत्र की शरुआत से पहले पीएम मोदी ने सभी दलों से अपील की थी और खासकर पहली बार चुनकर आये सांसदो से नए विचारों नई सोच के साथ संसद की कार्यवाही में हिस्सा लेने को कहा था।
फिलहाल 17वी लोकसभा का बजट सत्र अभी तक कामकाज के लिहाज से काफी सकारात्मक रहा है। वित्त विधेयक के लोकसभा में पारित होने के बाद अब सरकार प्राथमिकता वाले बिधेयको पर तेजी से आगे बढ़ेगी।
