दुनिया सबसे बड़े लोकतंत्र के गौरवशाली इतिहास के एक और अध्याय का आगाज़ हुआ जब प्रोटेम स्पीकर वीरेंद्र कुमार ने 17वीं लोकसभा के नए सांसदों को सत्र के पहले दिन पद की शपथ दिलाई। सबसे पहले सदन के नेता नरेंद्र मोदी ने बतौर सांसद पद की शपथ ली।
संसद के सत्र की आज से शूरूआत हो गई है… 17वीं लोकसभा के लिये चुने गये सदस्य़ों को आज सदन की शपथ दिलाई गई जो कल तक जारी रहेगी… देश की सबसे बडी पंचायत संसद की तस्वीर इस बार काफी बदली हुई है जहां इस बार बहुत बडी संख्या में नये सदस्य चुन कर आये है तो पिछली बार के सांसदो को फिर से चुनकर पहुंचने वालो की संख्या भी कम नही है, इस बार महिला सांसदो की ऐतिहासिर मौजूदगी है तो लोकसभा में युवा सांसदो ने भी अपनी उपस्थिति बढा ली है।
दुनिया सबसे बड़े लोकतंत्र के गौरवशाली इतिहास के एक और अध्याय का आगाज़ हुआ जब प्रोटेम स्पीकर वीरेंद्र कुमार ने 17वीं लोकसभा के नए सांसदों को सत्र के पहले दिन पद की शपथ दिलाई। सबसे पहले सदन के नेता नरेंद्र मोदी ने बतौर सांसद पद की शपथ ली।
इसके बाद मंत्री परिषद के सदस्यों को शपथ दिलाई गई। इस के बाद वर्णमाला के हिसाब से राज्यवार सांसदों की शपथ दिलाई गई। कई सांसदों ने अलग अंदाज़ में शपथ। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्ध ने संस्कृत भाषा में शपथ ली। जबकि सदानंद गौड़ा ने कन्नड़ भाषा में शपथ ग्रहण किया। वहीं मधुबनी से सांसद अशोक यादव ने मैथली शपथ ग्रह किया।
परंपरा के अनुसार कार्यवाहक अध्यक्ष ने सबसे पहले सदस्यों को कुछ क्षण के लिए खड़े कर मौन रहने को कहा फिर प्रोटेम स्पीकर ने सभी नवनिर्वाचित सदस्यों को बधाई दी। इसके बाद शुरू हुआ शपथ का सिलसिला। शपथ ग्रहण में भी भाषाई विविधता देखने को तो मिली ही साथ अलग अलग वेशभूषा के रंग भी देखने को मिली। नवनिर्वाचित सांसद भिन्न भिन्न परिधानों में संसद भवन पहुंचे।
इससे पहले सुबह राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में वीरेंद्र कुमार को कार्यवाहक अध्यक्ष के तौर पर शपथ दिलाई। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे।
17वीं लोकसभा में सभा में कुछ नए चेहरे थे तो कुछ वो दिग्गज चेहरे गायब थे जो बरसों से अपने प्रतिनिधित्व के ज़रिए लोकतंत्र की परंपरा को आगे बढ़ा रहे थे। नई लोकसभा में 300 ऐसे हैं सांसद जो पहली बार लोकसभा पहुंचे हैं। 197 सांसदों को दोबारा चुना गया है। इसके अतिरिक्त 45 सांसद पिछली लोकसभाओं के भी सदस्य रहे हैं। 17वीं लोकसभा में 78 महिला सांसद हैं। 716 महिला उम्मीदवारों ने लोकसभा चुनाव लड़ा था। इनमें से 78 महिला सांसदों को 17वीं लोकसभा में चुना गया। 2014 में 62 महिला सांसद चुने गए थे। लोकसभा में महिला सांसदों के प्रतिनिधित्व में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। पहली लोकसभा में महिला सांसद 5% थीं और 17वीं लोकसभा में 14%। हालांकि पिछले कुछ वर्षों में महिला सांसदों का प्रतिशत बढ़ रहा है लेकिन यह अन्य देशों की तुलना में अब भी कम है।
सांसदों की औसत आयु 54 वर्ष है। 12% सांसदों की उम्र 40 वर्ष से कम है। 16वीं लोकसभा की तुलना में ये संख्या 4 फीसदी अधिक है। 394 सांसद कम से कम स्नातक स्तर तक शिक्षित हैं। 27% सांसदों ने 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई की है। इसकी तुलना में 16वीं लोकसभा में 20% सांसदों ने 12वीं तक की शिक्षा प्राप्त की थी।
लोकसभा सदस्यों के शपथ ग्रहण का सिलसिला राज्यवार मंदलवार तक चलेगा। नवनिर्वाचित सांसद नए तेवर में हैं लोकतंत्र का मंदिर नए कलेवर में है..उम्मीद है कि चाहे सत्ता पक्ष हो या विपक्ष..17वीं लोकसभा का हर एक सदस्य, राष्ट्रहित और लोकहित को केन्द्र में रख कर नए भारत के निर्माण में अपना सर्वोच्च योगदान देगा, भारतीय लोकतंत्र को और मज़बूत करेगा।
