तमिलनाडु के अपने एक दिन के दौरे पर पंहुचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब छात्रों के बीच तमिल भाषा की महिमा और महत्व की बात की तो उनका संदेश स्पष्ट था, देश को श्रेष्ठ बनाने वाली और विविधता में एकता का भाव दिखाती भाषाएं कैसे कल को आज से जोड़ रही हैं। यही संदेश पीएम मोदी ने अमेरिका की अपनी यात्रा के दौरान भी दिया था।
अमेरिका की एक सप्ताह की अपनी यात्रा से स्वदेश लौटने के 36 घंटों के भीतर ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चेन्नई को कहा वड़क्कम।
अमेरिका के ह्यूस्टन में भी प्रधानमंत्री मोदी ने 50,000 से ज़्यादा भारतवंशियों का तमिल में भी अभिवादन किया।
प्रधानमंत्री ने चेन्नई में भी इस बात का ज़िक्र किया कि ‘सब अच्छा है’ को तमिल भाषा में बोलने पर लोगों ने कितने ज़बरदस्त उत्साह के साथ प्रतिक्रिया दी थी।
और तमिल के प्रति ये भाव आईआईटी मद्रास के इन्क्यूबेशन केन्द्र में भी उस वक़्त काफी गूंजा जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सिंगापुर के शिक्षा मंत्री ने इस प्राचीन भाषा की महिमा का बखान किया।
आईआईटी-मद्रास के 56 वें दीक्षांत समारोह में, पीएम मोदी ने दुनिया की सबसे प्राचीन भाषा और भारत की सबसे नई भाषा का ज़िक्र किया तो छात्रों का उत्साह देखने लायक था…
तमिल भाषा के महत्व को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रेखांकित करने का सरल संदेश है, भाषाएँ हमारी धरोहर हैं जो प्राचीन औऱ नवीन को एक साथ लाती हैं, आपस में जोड़ती हैं… एक भारत, श्रेष्ठ भारत की प्रधानमंत्री परिकल्पना इस से भी प्रतिबिंबित हुई कि उन्होंने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में पारंगत लोगों के बीच तमिल के महत्व पर खुल कर बात की..
