लेफ्ट विचारधारा के गले नहीं उतर रहे हैं प्रभु श्री राम
वर्धा/ बीते दिनों देश-दुनिया में प्रभु श्री राम के रंग में सभी राममय हुए ऐसे में प्रभु श्री राम के प्रति आस्था रखने वाले समुदाय ने राम लाला की प्राण प्रतिष्ठा के दिन हिंदी विश्वविद्यालय में भी सुंदर कांड का आयोजन किया। उसके बाद से ही हिंदी विश्वविद्यालय में एक खास विचारधारा के कुछ लोगों ने प्रभु श्री राम का विरोध करना शुरू कर दिया। इसमें कुछ छात्र भी शामिल हैं जो भगवान श्री राम जी के बारे में बहुत ही उल्टा-सीधा लिख रहा हैl इससे दूसरे अन्य छात्र भी परेशान हो रहे हैl ये कुछ छात्रः इस प्रकार के है जो इस धर्म के नाम पर दलाली करते हैl
हिन्दू धर्म के इतर इनकी हिम्मत नहीं है किसी धर्म के बारे में लिखने कीl भारत जैसे देश में जहां सभी धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैं। तो फिर प्रभु श्री राम का विरोध क्यों? आईए जानते हैं क्या है पूरा मामला? दरअसल महाराष्ट्र जिला वर्धा में स्थित एक मात्र केंद्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्ष 2023 से लगातार कई वाद-विवादों से घिरा हुआ है और लगभग प्रत्येक दिन किसी न किसी हैडलाइन के साथ मीडिया में छाया रहता है। आज का चर्चित मामला है, ‘हिंदी विश्वविद्यालय में प्रभु श्री राम का विरोध क्यों?’ बताते चले की हिंदी विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ धरवेश कठेरिया द्वारा विश्वविद्यालय में कई सुधार और परिवर्तन के प्रयास किए जा रहे है। जिसके विपक्ष में लोग विरोध भी कर रहे हैं तो कहीं विरोधाभासी शब्दों का प्रयोग करते हुए हेडलाइन के साथ खबरों में छाए रहते हैं।
हलिया में इसी क्रम में नई घटना सामने आई है। दरसअल मामला यह भी है कि डॉ. धरवेश कठेरिया दलित समुदाय से आते हैं और लेफ्ट विचारधारा से संबंध रखने वाले लोग कुलसचिव के इस रूप में किसी दलित को स्वीकार नहीं करना चाहते हैं। ये वही लोग हैं जो विश्वविद्यालय में हो रहे बदलावों से परेशान हो रहे हैं चूंकि विश्वविद्यालय में नियमों का कठोरता से पालन हो रहा है। इसलिए ये लोग सोशल मीडिया पर लोगों को भ्रमित करने का काम कर रहे हैं।
ऐसे में इन लोगों से सावधान रहने की जरूरत है। ये कभी भी गलत का विरोध नहीं करते बल्कि सही काम को गलत ठहराना इनका पेशा बन चुका है। भास्कर के अनुसार अक्टूबर 2023 की ही बात है मीडिया के एक प्रोफेसर का अश्लील ऑडियो वायरल हुआ तो उस प्रकरण पर ये समुदाय चुप्पी साधे बैठा रहा। चूंकि प्रोफेसर भी लेफ्ट विचारधारा से संबंध रखते हैं इसलिए उनका विरोध नहीं किया। नाम ना बताने की शर्त पर कुछ छात्राओं ने कहा की अब उनको उस शिक्षक की कक्षा में भी बैठने में डर लगता हैl जबकि उस समय के कुलपति जो आज निलंबित प्रोफेसर है ने उन पर कोई कार्रवाई नहीं कीl प्रभु श्री राम जिनमें जन-जन की आस्था बसती है उनका कुछ छात्र जो एक विशेष प्रदेश से यहां आए है विरोध कर रहे है एक विशेष विचारधारा के छात्रों द्वारा प्रभु श्रीराम का विरोध करना बहुत ही निंदनीय है। स्थानीय समुदाय और राम भक्त अखिर इन छात्रों को क्यों बर्दाश्त कर रहा है ये सोंचने वाली बात हैl
