सुषमा स्वराज के निधन की खबर से हर कोई अचंभित और गमगीन है. दरअसल अपने जीवन काल में सुषमा स्वराज ने अपने स्वभाव और व्यक्तित्व से अनेक नहीं बल्कि हर एक को प्रभावित किया.
सुषमा स्वराज के निधन से पूरे देश में शोक की लहर है. उनका व्यक्तित्व और स्वभाव ऐसा रहा कि जो उनसे मिला उनका फैन बन गया. यही वजह है कि आज हर कोई उनके निधन की खबर से गमगीन है. राज्यसभा में भी सुषमा स्वराज को श्रद्धांजलि दी गई और उनके योगदान का स्मरण किया गया. सदस्यों ने सुषमा स्वराज के सम्मान में कुछ क्षणों का मौन रखा. सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि सुषमा उन्हें हर साल राखी बांधने आती थीं किंतु इस बार वह रक्षाबंधन पर नहीं आ पाएंगी जिसका उन्हें अफसोस है.
सुषमा स्वराज के निधन पर शोक जताते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि भारतीय राजनीति का चमकता हुआ सूरज, सुषमा जी के निधन के साथ अस्त हो गया है.
गृहमंत्री अमित शाह ने सुषमा स्वराज के निधन पर दु:ख जताते हुए कहा कि उनके निधन से देशभर की राजनीति के लिए काफी बड़ी क्षति हुई है.
सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने सुषमा स्वराज के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उनके निधन से आज पूरा देश शोक में डूबा हुआ है.
पूर्व वित्त मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने सुषमा स्वराज के निधन पर शोक जताते हुए कहा, “सुषमा जी के निधन से टूट गया हूं. वह वर्तमान युग में सबसे उत्कृष्ट राजनीतिज्ञों में से एक थीं. उन्होंने सभी पदों की प्रतिष्ठा बढ़ाई. वह पार्टी, एनडीए सरकार और विपक्ष में वरिष्ठ पदों पर रहीं. वह एक शून्य छोड़ गई हैं जिसे भरा नहीं जा सकता है.”
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने सुषमा स्वराज के निधन पर शोक जताते हुए ट्वीट करते कहा, “असंख्य महिला कार्यकर्ताओं की प्रेरणा दीदी का आकस्मिक निधन हम सबको स्तब्ध कर गया. आज उनके शोकाकुल परिवार के प्रति सहानुभूति व्यक्त करती हूं. एक कार्यकर्ता के नाते महिला उत्थान के प्रति अगर हम अपना जीवन समर्पित करें तो वो दीदी के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी. आपने बांसुरी को हमारे लिए एक रेस्तरां चुनने को कहा था, ताकि हम जीत का जश्न मना सकें. आप हम दोनों से किया वादा पूरा किए बिना ही चली गईं.”
भाजपा ही नहीं, तमाम और दलों के राजनेता भी उनके निधन से बेहद दुखी हैं.
प्रसार भारती के चेयरमैन ए सूर्यप्रकाश ने सुषमा स्वराज के निधन पर शोक जाहिर करते हुए कहा है कि उनके निधन से लोकतंत्र में रिक्त स्थान पैदा हो गया है. उन्होंने साथ ही कहा सुषमा जी का जीवन लोगों के लिए आदर्श था.
सुषमा स्वराज के प्रयासों से पाकिस्तान से करीब चार साल पहले भारत लौटी मूक-बधिर युवती गीता उनके निधन से बेहद दुखी है.
विदेशों में बसे लोगों को सुषमा स्वराज ने बहुत मदद की और लाखों लोगों को अलग-अलग तरीके से बचाकर वापस लाईं. ऐसे लोग सुषमा स्वराज को याद कर रहे हैं.
सुषमा जी का व्यवहार ऐसा था कि हर कोई उन्हें अपना मानता था और यही वजह है कि हर आम-ओ-ख़ास आज गम में डूब है.
