15 अक्टूबर से शुरू होकर 22 अक्टूबर तक चलेगी यात्रा
वर्धा. महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के शिक्षक संघ के अध्यक्ष ने शुक्रवार को जिलाधिकारी को माटी अर्पण न्याय यात्रा के लिए जिला अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर यात्रा के बारे में अवगत करा बताया कि हिंदी विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों द्वारा संविधान, कानून एवं शिक्षा मंत्रालय के द्वारा भेजे गए अनेक पत्रों की अवहेलना कर दलित होने के नाते मेरे विरुद्ध एवं विश्वविद्यालय में अकादमिक भ्रष्टाचार और कदाचार किया जा रहा है। इस संबंध में अनेक अनियमितताओं के बारे में भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने भ्रष्टाचार को रोकने तथा जांच करने के आदेश भी दिए हैं। अवगत हो कि इस संबंध में मेरे द्वारा शोषण और भ्रष्टाचार के विरुद्ध निवारण एवं निवेदन हेतु माननीय शिक्षा मंत्री, भारत सरकार को सेवाग्राम और दीक्षाभूमि की पवित्र संकल्पित मिट्टी को सौपने का निर्णय लिया है।
उच्च शिक्षा में हो रहे अकादमिक भ्रष्टाचार और कदाचार के संबंध में समाज को जागरूक करने के लिए यह यात्रा उपर्युक्त तिथि को सड़क मार्ग से वर्धा के सेवाग्राम आश्रम नागपुर, जबलपुर, प्रायागराज, अयोध्या, लखनऊ, मथुरा से दिल्ली शिक्षा मंत्रालय होते हुये राजघाट, नई दिल्ली में पूर्ण होगी। यात्रा की शुरुआत शिक्षक संघ, महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के अध्यक्ष एवं सह-आचार्य डॉ. धरवेश कठेरिया के नेतृत्व में विभिन्न अकादमिक व्यक्तियों तथा जनमानस के सहयोग द्वारा की जायेगी।
यात्रा में कार्यक्रमः
. प्रमुख अकादमिक संस्थानों में भेंट, चर्चा एवं अपील।
• यात्रा के दौरान प्रतिदिन “चाय पे चर्चा”।
• यात्रा के दौरान जनसहभागिता से भोजन ग्रहण। भोजन के अभाव में गुड़-चने का सेवन ।
• अंत्योदय के दर्शन को साकार करते हुए ठहरने हेतु दलित, वंचित, शोषित, पीड़ितजन का आश्रय।
जनमानस से अपीलः
भ्रष्टाचार मुक्त भारत के लिए सभी भारतवासियों से अपील है कि इस न्याय यात्रा में यथाशक्ति अपनी सहभागिता प्रदान करें। इस हेतु आप सब से निवेदन है कि मेरे साथ कम से कम 500 मीटर पद चलन कर सहयोग करें।
मांग के प्रमुख बिंदु :
• नियुक्तियों में हुई हेराफेरी और फर्जी दस्तावेजों के घोटाले।
• नियुक्तियों में आरक्षण संबंधी घोटाले।
• फर्जी विभाग खोलकर नियुक्ति और पाठ्यक्रम संचालन घोटाला।
• नियम विरुद्ध प्रमोशन, फर्जी अनुभव के आधार पर हुई नियुक्तियों की जांच ।
• अतिथि अध्यापकों की अनावश्यक नियुक्तियां।
• प्रवेश, परीक्षा, विश्वविद्यालय में अकादमिक अराजकता।
• ऑनलाइन हुई परीक्षा आयोजन के भुगतान संबंधी घोटाले।
• चिकित्सा भुगतान के घोटालों की जांच।
• सरकारी यात्राओं के घोटाले।
• विश्वविद्यालय की साख संस्था तथा बैंक द्वारा लोन वितरण में हुई गड़बड़ी के मामले संबंधी जांच ।
• विश्वविद्यालय में बने खराब गुणवत्ता के भवनों की विधिवत जांच |
