बजट पर लोकसभा में चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि आर्थिक विकास सरकार का प्रमुख एजेंडा है। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार बुनियादी ढांचा विकास को आगे बढ़ाने को प्रतिबद्ध है और इसके लिए सरकार अगले पांच साल में 100 लाख करोड़ रुपये का निवेश करेंगी. सीतारमण ने कहा कि यह बजट इस नई सरकार की बड़ी तस्वीर पेश करता है, जिसे देश की जनता ने मजबूत जनादेश दिया है।
लोकसभा में दो दिन तक हुई बजट पर चर्चा के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सदन में चर्चा का जवाब दिया । इस दौरान वित्त मंत्री ने साफ किया कि सरकार सार्वजनिक व्यय से समझौता किये बिना राजकोषीय सुदृढ़ीकरण के रास्ते पर चलने के लिए प्रतिबद्ध है । उन्होंने कहा कि 2019-20 का बजट राजकोषीय घाटे को जीडीपी का 3.3 प्रतिशत बनाये रखते हुए कृषि और सामाजिक क्षेत्र में, खासकर शिक्षा और स्वास्थ्य में पर्याप्त खर्च बढ़ाने की इस सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है ।
वित्त मंत्री ने देश को पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के सरकार के लक्ष्य को दुहराते हुए कहा कि इसे हासिल करने के लिए सरकार तमाम बड़े कदम उठा रही है ।
किसानों के कल्याण को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता जताते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले पांच सालों में किसानों के कल्याण के लिए तमाम कदम उठाए गए हैं । उन्होंने कहा कि सरकार ने जहां सभी किसानों के लिए किसान सम्मान निधि की व्यवस्था की है तो वहीं किसानों के लिए पेंशन पर भी काम कर रहीहै ।
वित्त मंत्री ने कहा रक्षा, पेंशन और वेतन, राष्ट्रीय सुरक्षा तथा सरकारी प्रतिष्ठानों जैसे मदों में व्यय के लिए बजट अनुमान पर्याप्त और यथार्थपूर्ण है। उन्होंने कहा कि सरकार का इरादा बुनियादी संरचना के विकास को गति देना है और इसके लिए अगले पांच साल में 100 लाख करोड़ रुपये का निवेश करने का इरादा है ।
वित्त मंत्री ने बैंकिंग सेक्टर में संकट का जिक्र करते हुए कहा कि इससे निपटने के लिए सरकार चार सूत्रीय नीति पर काम कर रही है । उन्होंने कहा कि सरकार ने तमाम नए कानूनों के जरिए नियमों को सख्त बनाया है ।
लोकसभा में वित्त मंत्री ने बजट पर चर्चा का जवाब दिया तो राज्यसभा में भी बजट पर चर्चा शुरु हो गयी है । दिन में दो बार हंगामे के चलते राज्यसभा के स्थगित होने के बाद दोपहर बाद सदन में बजट पर चर्चा शुरु हो सकी । हालांकि कुछ देर की चर्चा के बाद ही सदन गुरुवार तक के लिए स्थगित हो गयी।
