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लॉकडाउन में भारतीय डाक सेवा बनी बड़ी मददगार

देश में कोविड-19 के चलते लॉकडाउन की अवधि के दौरान भारतीय डाक सेवा, लोगों के लिए बहुत बड़ा मददगार के रूप में सामने आया है।

डाकघरों में डाक घर बचत बैंक के माध्‍यम से 2.3 करोड़ लेन-देन जिसकी कीमत करीब ₹33000 करोड़ है और भारतीय डाक भुगतान बैंक के माध्‍यम से एक करोड़ लेन देन हुए। जिसमें 2600 करोड़ रुपए का आदान-प्रदान हुआ।

आधार के जरिए पेमेंट सिस्टम (एइपीएस) के जरिए करीब 23 लाख ट्रांजैक्शन हुए जिसमें करीब 452 करोड रुपए का पेमेंट  हुआ।

जबकि 74.6 लाख डीबीटी पेमेंट हुए जिसमें तकरीबन 700 करोड रुपए का आदान प्रदान किया गया।

स्‍पीड पोस्‍ट पंजीकृत पत्रों, पार्सल्‍स और मनी ऑर्डर्स सहित लगभग 42.5 लाख देय डाक प्रेषित की गई।

मोबाइल डाकघर आवश्यक डाक और वित्तीय सेवाएं प्रदान करने के लिए केरल, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और कुछ अन्य सर्कल्‍स  में काम कर रहे हैं।इन मोबाइल डाकघरों के मार्ग आवश्यकताओं के आधार पर तय किए जाते हैं।

डाक विभाग विभिन्न संगठनों के अनुरोध के अनुसार वेंटिलेटर, कोविड -19 टेस्ट किट और अन्य चिकित्सा उपकरणों को भी कार्गो एयरलाइंस और स्वयं के मेल मोटर नेटवर्क का उपयोग करके देश भर में चयनित स्थानों से गंतव्यों तक पहुंचा रहा है।

ओडिशा राज्य चिकित्सा निगम और गुजरात राज्य चिकित्सा निगम के लिए वेंटिलेटर पुडुचेरी से डाक नेटवर्क के माध्यम से भेजे गए।

तेलंगाना सर्कल ने मेडिकल किट्स के वितरण के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ समझौता किया है। गुजरात सर्कल ने भारतीय औषधि विनिर्माण संघ  के साथ साझेदारी के तहत सूरत, भरूच, वलसाड, राजकोट, जयपुर, पुणे और कोलकाता को चिकित्सा आपूर्ति और आवश्यक दवाओं की खेप पहुंचायी है।कोलकाता से सिलीगुड़ी, रांची और पटना तक दवाएं सड़क परिवहन नेटवर्क द्वारा पहुंचायी गई है। इस प्रकार अब तक

डाक विभाग की ओर से अब तक करीब 250 टन दवाइयां और चिकित्सा उपकरण ट्रांसपोर्ट किए गए हैं साथ ही डाक विभाग अब तक करीब 1.5 लाख से अधिक मांस्क बांट चुका है।

विधवाओं को लाभ के भुगतान से संबंधित गुजरात सरकार की गंगा स्वरूप योजना के लिए गुजरात सर्कल ने विधवा लाभार्थियों को इस प्रकार के भुगतान सुनिश्चित करने के लिए ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में एक व्यापक तंत्र तैयार किया है। 4 लाख डाकघर बचत बैंक खातों में 51 करोड़ की राशि जमा की गई है और इसका संवितरण 3 अप्रैल से शुरू कर दिया गया।

देशभर में अब तक 31.5 लाख मनीआर्डर डाक विभाग की तरफ से लोगों तक पहुंचाए गए जिसमें करीब 355 करोड रुपए लोगों तक पहुंचाये गये।

जरूरतमंदों तक खाद्य पदार्थ और सूखा राशन पहुंचाने में लॉजिस्टिक सहायता के लिए  डॉग सर्कल विभिन्न जिला प्रशासनों और गैर सरकारी संगठनों के साथ साझेदारी कर रहे हैं।

डाक विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार 2 लाख से अधिक राशन और खाद्य सामग्री पैकेट जरूरतमंदों में अब तक बांटे जा चुके हैं।

डाक सर्कलों ने नियंत्रण कक्ष के लिए पंचायत सचिव, टेलीमेडिसिन केंद्रों, ग्राम अधिकारियों और स्वास्थ्य निरीक्षकों जैसे सार्वजनिक प्रतिनिधियों और ग्राहकों के व्‍यक्तिगत अनुरोधों को पहुंचाने में तेजी लाने के लिए टेलीग्राम समूह और हेल्पलाइन नंबर बनाए हैं। विभाग अपने ट्विटर सेवा हैंडल पर प्राप्‍त हो रहे दवाओं और आवश्यक वस्तुओं के प्रेषित करने संबंधी अनुरोधों पर कार्य कर रहा है। इन अनुरोधों को शीघ्र पूरा करने और कम से कम समय के भीतर डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।

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