राज्यसभा में जम्मू कश्मीर के मसले पर सरकार को तमाम विपक्षी पार्टियों का भी साथ मिला। , बीएसपी , टीडीपी , वाईएसआर , बीजेडी और आम आदमी पार्टी ने किया सरकार का साथ , टीएमसी और जेडीयू ने किया वाकआउट , कांग्रेस ने किया विरोध
जम्मू कश्मीर को लेकर मोदी सरकार ने जो साहसिक कदम उठाया है उसे न सिर्फ एनडीए का समर्थन मिला है बल्कि एनडीए के बाहर से भी कई अन्य दलों का खुलकर समर्थन मिला है… राज्यसभा में आज जब इस विषय पर चर्चा हुई तो विपक्षी दलों ने अनुच्छेद 370 और आर्टिकल 35ए को लेकर अपनी राय रखी लेकिन कोई भी दलील इतनी प्रभावी नही थी जो तार्किक आधार पर टिक पाती।
सुबह साढे नौ बजे कैबिनेट की बैठक हुई तो पूरे देश की नजर इस पर लगी थी कि इसमें क्या फैसला होता है। कैबिनेट की बैठक खत्म होने के बाद फैसले की जानकारी नहीं लेकिन राज्यसभा की कार्रवाई शुरु होते ही केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जब सदन में संकल्प और विघेयक पेश किया तो तस्वीर साफ हो गयी ।
अमित शाह ने जो दो संकल्प और दो विधेयक पेश किए उसमें अनुच्छेद 370 के खंड (1) के अलावा कोई भी खंड राज्य में लागू नहीं होंगे से जु़डा प्रस्ताव शामिल है । दूसरा प्रस्ताव जम्मू कश्मीर राज्य विधानसभा की शक्तियां संसद में में निहित होने से जुडी थी । इसके अलावा जम्मू एवं कश्मीर राज्य पुनर्गठन विधेयक के साथ ही जम्मू कश्मीर आरक्षण दूसरा संशोधन विधेयक भी पेश किया गया ।
संकल्प और विधेयक पेश करते हुए अमित शाह ने कहा कि अनुच्छेद 370 हमेशा से ही अस्थायी रहा है और पहले की सरकारों ने राजनीतिक इच्छा शक्ति के अभाव में और वोट बैंक की राजनीति के चलते इसे नहीं हटाया।
इसके बाद सदन में इस पर चर्चा हुई जिसमें एनडीए ने इसका जोरदार समर्थन किया ।
इसके अलावा तमाम दलों ने भी चर्चा में हिस्सा लिया और ज्यादातर ने इसका समर्थन किया ।
तमाम दलों ने जिस तरह से विधेयक का समर्थन किया उससे साफ है कि देश सरकार के फैसले के पूरी तरह से साथ है ।
