एक राष्ट्र के लिये जितना महत्वपूर्ण उसका विकास दर होता है, उतना ही ज़रूरी “राष्ट्र की सीमाओं का सुरक्षित करना” होता है। भारत का सीमावर्ती राज्य जम्मू और कश्मीर एक संवेदनशील राज्य रहा है। खुशी की बात ये है कि धारा 370 हटने के बाद, भारत के रेल मंत्री, श्री पियूष गोयल जी ने जम्मू और कश्मीर से हम सब भारतीय को गर्व की अनुभूति करने वाला खबर दिया है।
जी हाँ, बहुत जल्द जम्मू और कश्मीर के चिनाब नदी पर दुनिया का सबसे ऊँचा अर्धचंद्र आकार का रेलमार्ग पुल होगा। गर्व करने वाली बात ये है कि ये पुल फ्राँस के एफिल टावर से भी 35 मीटर ऊंचा रेल पुल होगा। चिनाब रेल पुल—जो रियासी जिले के बुक्कल और कौरी के बीच निर्माणाधीन है—भारतीय रेल का महत्वाकांक्षी योजना है जो कि कश्मीर घाटी को उधमपुर से जोड़ेगा। इस लाईन को जम्मू-उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लाइन के रूप में जाना जाता है।
इस पुल का बुनियादी ढाँचा 2017 में पूरा हो गया था। रेल मंत्री श्री पीयूष गोयल जी ने टवीट करके बताया कि मुख्य अर्धचन्द्राकार स्तंभ का निर्माण कार्य जोरों पर है। जब निर्माण कार्य पूरा हो जाऐगा तो ये चिनाब नदी पर 359 मीटर ऊंचा दुनिया का सबसे ऊंचा रेलमार्ग पुल होगा।
भारतीय रेल का महत्वाकांक्षी योजना है 345 किमी लंबा है जिसमें चिनाब ब्रिज की लंबाई 1315 मीटर है। चिनाब पुल का निर्माण पूरा होने के बाद, जम्मू-उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल मार्ग जम्मू और कश्मीर के परिवहन क्षेत्र को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देगी।
पुल में इस्तेमाल किया गया स्टील ब्लास्ट प्रूफ है। अगर ज़रूरत पड़ी तो भारतीय रेल तेजी से प्रतिक्रिया को सुनिश्चित करने के लिए एक ऑनलाइन निगरानी और चेतावनी प्रणाली भी स्थापित कर रहा है। भारत का रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (DRDO) इस परियोजना पर भारतीय रेल के साथ मिलकर काम कर रहा है।
चिनाब ब्रिज की प्रमुख विशेषताएं हैं।
- इसके निर्माण में 24,000 टन इस्पात इस्तेमाल किया जाएगा।
- यह पुल 260 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली हवा को झेल सकता है।
- यह पुल 1100 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है।
- यह पुल बेईपैन नदी पर बने चीन के शुईबाई रेलवे पुल (275 मीटर) का रिकॉर्ड भी तोड़े देगा
बताने की ज़रूरत नहीं कि यह चिनाब पुल इलाके में पर्यटकों के लिये आकर्षण का एक केंद्र बन जाऐगा। निरीक्षण के मकसद के लिए पुल में एक रोपवे होगा। पुल की सुरक्षा के लिए भी पर्याप्त व्यवस्था की गई है। इस बात की पूरी उम्मीद है कि इस पुल से राज्य में आर्थिक विकास का पहिया दोगुनी गति से दौड़ निकलेगा। उससे भी महत्वपूर्ण बात ये है कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से ये पुल किसी भी विकट परिस्थिति में सैनिक बल और उनके अस्त्र शस्त्र की आवागमन हेतु हमारे देश की सीमा की सुरक्षा में एक अहम किरदार निभाऐगा।
