ओसाका में ब्रिक्स नेताओं की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अर्थव्यवस्था में मंदी और अनिश्चितता और आतंकवाद से निपटने को बडी चुनौती बताया है। विकास और प्रगति को समावेशी तथा टिकाऊ बनाने पर जोर देते हुए, चुनौतियों से निपटने के लिए पांच मंत्र दिए।
प्रधानमंत्री मोदी ने जी-20 सम्मेलन से अलग ओसाका में ब्रिक्स नेताओं से अनौपचारिक बैठक की। इस दौरान एक बार फिर प्रधानमंत्री ने आतंकवाद को मानवता के लिए बड़ा ख़तरा करार दिया।
ओसाका, जापान में जी-20 सम्मेलन से अलग प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिक्स सदस्य देशों से आतंक को संरक्षण, समर्थन और किसी भी तरह की मदद नहीं देने का आह्वान किया।
प्रधानमंत्री ने आपदा रोधी अवसंरचना के लिए भारत की पहल अल्प विकसित और विकासशील देशों को प्राकृतिक आपदा का सामना करने के लिए उचित इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराने में ब्रिक्स को भी भागीदारी निभाने का निमंत्रण दिया।
इसके अलावा उन्होने विश्व की अर्थव्यवस्था में मंदी और अनिश्चितता, संरक्षणवाद, बहुपक्षीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार व्यवस्था पर एकतरफा निर्णय को भी प्रमुख चुनौती के रूप में ब्रिक्स सदस्य देशों के सामने रखा। उन्होने इनके समाधान के लिए पांच-सूत्री उपाय भी सुझाए।
प्रधानमंत्री ने ब्राजील का राष्ट्रपति चुने जाने पर जेयर बोल्सोनारो और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरल रामफोसा को भी बधाई दी। ब्रिक्स यानि ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका ने संयुक्त बयान में भ्रष्टाचार, अवैध धन, उसके वित्तीय प्रवाह और विदेशों में जमा कालाधन को वैश्विक चुनौती करार दिया। बयान में इसे भी आर्थिक और सतत विकास के लिए हानिकारक बताया।
सदस्य देशों ने पेरिस समझौते के तहत जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए भविष्य में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने, बायो एनर्जी का इस्तेमाल करने और कार्बन उत्सर्जन को घटाने पर प्रतिबद्धता जताई। इसके अलावा डिज़िटलाइजेशन के ज़रिए सूचना तकनीक को बढ़ावा देने और ग़रीबी उन्नमूलन के लिए तेज़ी से काम करने पर भी सहमत हुए। साथ ही ब्रिक्स देशों ने जी-20 से पहले बहुपक्षीय अंतरराष्ट्रीय व्यापार में संतुलन, सांमजस्य और सहभागिता बढ़ाने पर ज़ोर दिया।
