कोसी नदी पर सन 1958 एवं 1962 के बीच एक बाँध (बराज) बनाया गया। यह बाँध भारत-नेपाल सीमा के पास नेपाल में स्थित है। इसमें पानी के बहाव के नियंत्रण के लिये 56 द्वार बने हैं जिन्हें नियंत्रित करने का कार्य भारत के अधिकारी करते हैं। इस बार की बाढ़ ने कुछ दिन पहले तक नेपाल में ज्यादा पानी होने से सभी गेट को खोल दिया गया था। लेकिन अब स्थिति नियत्रण में दिख रही है।
बिहार के कोशी प्रक्षेत्र की त्रासदी पुरानी है। यहां नेपाल में बने कोसी बैराज से पानी तो नेपाल से छोड़ा जाता है लेकिन उसकी त्रासदी पूरा उत्तर बिहार झेलता है। हालांकि अभी स्थिति कुछ हद तक नियंत्रण में है इसलिए अभी 56 गेट में से 9 को ही खोला गया है। सुपौल में कोसी नदी के जलस्तर शनिवार की रात मे तीन लाख 71 हजार हो जाने के कारण भपटियाही पंचायत के गढ़िया गांव में बाढ़ का पानी लोगों के घरों में तीन से चार फीट फैल गया। गढ़िया गांव के लोगों को घर से निकलकर एनएच 57 पर शरण लेना पड़ा। बिहार के 12 जिलों शिवहर, सीतामढी, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, दरभंगा, सहरसा, सुपौल, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया एवं कटिहार में अब तक 33 लोगों की मौत होने के साथ 26 लाख 79 हजार 936 लोग प्रभावित हुए है।
