20वां भारत-रूस द्विपक्षीय सम्मेलन रूस के व्लादिवोस्तोक में चल रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच आज प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई। दोनों नेताओं ने व्यापार और निवेश,तेल और गैस, खनन, परमाणु ऊर्जा, रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने और द्विपक्षीय संबंधों के विस्तार पर चर्चा की। उन्होंने हवाई और समुद्री संपर्क, परिहवन ढांचा, उच्च तकनीक, बाहरी अंतरिक्ष और दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने पर भी चर्चा की।
प्रधानमंत्री महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के मौके पर एक डाक टिकट जारी करेंगे और योग ऐप की भी शुरूआत करेंगे। वे फार इस्टर्न फेडरल यूनिवर्सिटी कैँपस में स्ट्रीट ऑफ द फार इस्ट प्रदर्शनी भी देखेंगे। श्री मोदी मेदांता परियोजना के हेलीकॉप्टर एम आई 1 7 1 A 2 और कामोव 2 2 6 T का प्रदर्शन देखेंगे। इसके अलावा वे टाटा पावर कोल माइनिंग प्रोजेक्ट भी देखेंगे। प्रदर्शनी में भारत में निवेश के अवसरों को दर्शाने वाला भारतीय पवेलियन भी बनाया गया है।
इससे पहले, दिन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन व्लादिवोस्तोक के पास ज्वेज़दा पोत निर्माण संयंत्र देखने गये । ज्वेज़दा पोतनिर्माण परिसर रूस के सुदूरपूर्वी क्षेत्र के लिए रणनीतिक महत्व की परियोजना है। व्लादिवोस्तोक से लगभग डेढ़ सौ किलोमीटर दूर ये परिसर रूस का सबसे बड़ा पोत निर्माण परिसर है। दोनों नेता हेलीकाप्टर से वहां पहुंचे। इसके बाद वे थोड़ी देर तक पोत पर रहे। इस दौरान रूसी राष्ट्रपति पुतिन प्रधानमंत्री के साथ रहे।
बाद में एक ट्वीट में श्री मोदी ने कहा कि ज्वेजे़दा यार्ड तक राष्ट्रपति पुतिन का उनके साथ जाना उनके विशेष सद्भाव को दर्शाता है और वे इससे अभिभूत हैं। श्री मोदी ने कहा कि ज्वेज़ेदा परिसर की यात्रा के दौरान राष्ट्रपति पुतिन ने उन्हें जहाज निर्माण की अत्याधुनिक तकनीकों को दिखाया। उन्होंने कहा कि यह यात्रा महत्वपूर्ण क्षेत्र में सहयोग के नये रास्ते का द्वार खोलती है।
