प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि जब चंद्रयान-2 के साथ भेजा गया भारत का लैंडर ‘विक्रम‘ चंद्रमा पर उतरेगा तो यह डॉ० विक्रम साराभाई को सही अर्थ में श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने यह भी कहा कि डॉ० साराभाई की दूरदर्शी सोच से ही आज भारत, विज्ञान और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में एक शक्तिशाली देश के रूप में उभर कर सामने आया है। श्री मोदी, आज अहमदाबाद में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन-इसरो के जनक डॉ० विक्रम साराभाई के जन्म शताब्दी समारोहका विडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये उदघाटन करने के बाद समारोह को संबोधित कर रहे थे। प्रधानमंत्री ने कहा कि डॉ० होमी जहांगीर भाभा के निधन से भारतीय विज्ञान जगत में जो खालीपन आ गया था उसकी पूर्ति डॉ० विक्रम साराभाई ने की। उन्होंने कहा कि डॉ० साराभाई ने जो विरासत छोड़ी है उसे लोगों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी हमारी है।
इस अवसर पर इसरो के अध्यक्ष डॉ० के० सिवन ने डॉ० साराभाई को एक महान संस्था निर्माता बताया। उन्होंने कहा कि विक्रम साराभाई ने जिस संस्था की नींव रखी वह आज एक उत्कृष्टता केंद्र बन चुकी है।
आकाशवाणी के संवाददाता ने खबर दी है कि सालभर तक चलने वाले डॉ० विक्रम साराभाई जन्म शताब्दी समारोह के तहत प्रदर्शनियों, बच्चों की प्रतियोगिताओं, पत्रकारिता पुरस्कार और जाने-माने लोगों के भाषण आदि के आयोजन का कार्यक्रम है। ये कार्यक्रम देश के एक सौ चुने हुए शहरों में आयोजित किए जाएंगे। समापन समारोह 12 अगस्त-2020 को तिरूवनंतपुरम में आयाजित किया जाएगा।
