पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। 1990 में पुलिस कस्टडी में एक व्यक्ति की मौत के मामले में करीब 30 साल बाद भट्ट को यह सजा मिली है। जामनगर की अदालत ने इस मामले में पूर्व आईपीएस को उम्रकैद की सजा दी है।
विशेष अभियोजक तुषार गोकानी के अनुसार, संजीव भट्ट और प्रवीणसिंह जाला को अदालत ने आईपीसी की धारा 302 के तहत हिरासत में मौत की सजा सुनाई, जबकि अन्य आरोपियों को हिरासत में यातना के लिए दोषी ठहराया गया। अभियोजन पक्ष के अनुसार भट्ट ने वहां एक सांप्रदायिक दंगे के दौरान सौ से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया था और इनमें से एक व्यक्ति की रिहा किए जाने के बाद अस्पताल में मौत हो गई थी।
