प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैंकॉक पोस्ट को दिया विशेष साक्षात्कार, कहा एक्ट ईस्ट पोलिसी में आसियान है केंद्र बिंदु, RCEP वार्ता से व्यापक और संतुलित परिणाम के लिए भारत है प्रतिबद्ध, लेकिन अनिश्चित व्यापार घाटे की चिंताओं को दूर करना है महत्वपूर्ण.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बैंकॉक पोस्ट को दिये विशेष साक्षात्कार में 16वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन और तीसरे क्षेत्रीय समग्र आर्थिक भागीदारी सम्मेलन सहित 35वें आसियान शिखर सम्मेलन से पहले इस क्षेत्र और दुनिया में भारत की भूमिका पर अपने विचार सांझा किए।
प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत के वैश्विक शक्ति बनने के संबन्ध में जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि भारत विविधताओं से भरपूर एक प्राचीन सभ्यता है, ये सभी जानते हैं। भारत ने विज्ञान, साहित्य, मनोविज्ञान और वास्तुकला के विकास में बड़ा योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारत ने विश्व में आर्थिक क्षेत्र और जलवायु परिवर्तन से लड़ने में अपना सक्रिय और महत्वपूर्ण योगदान दिया है। मोदी ने कहा कि भारत के लोगों ने यह जता दिय़ा है कि वे दुनिया में किसी से कम नहीं है।
पीएम ने कहा कि हम भारत के लोगों के लिए ‘सुगमता से जीवनयापन’ में सुधार के लिए सबसे बड़ा अभियान चला रहे हैं। हमारा मंत्र है सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास। इससे तात्पर्य केवल हमारे नागरिक ही नहीं बल्कि समूची मानव जाति है।
कहते हैं 21वीं सदी एशिया की सदी होगी और भारत एशिया और विश्व में हो रहे इस परिवर्तन में योगदान देने के लिए तैयार है। भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी के प्रति आसियान के महत्व के बारे में पूछे जाने पर प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी एक्ट ईस्ट पॉलिसी के केन्द्र में आसियान है। यह एक मात्र सहकारी तंत्र है जिसके द्वारा हमने 16 वर्षों से अब तक बिना किसी व्यवधान के शिखर सम्मेलनों के स्तर पर बातचीत की है। आसियान के साथ अनुबंध भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी और रणनीति का गंभीर तत्व रहा है और हमेशा रहेगा। हम थाईलैंड का धन्यवाद करते हैं कि उसने अपने नेतृत्व में आसियान के साथ भारत के घनिष्ठ संबंधों को गति देने में मदद की।
कुल मिलाकर हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि एक पारस्परिक रूप से लाभकारी तीसरे क्षेत्रीय समग्र आर्थिक भागीदारी सम्मेलन, जिसमें सभी पक्ष यथोचित लाभ प्राप्त करते हैं, भारत के हित में है और बातचीत में सभी भागीदार हैं।
