पश्चिम बंगाल के डॉक्टरों के समर्थन में आए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के रेज़िडेंट डॉक्टर, एक दिन की सांकेतिक हड़ताल पर, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन ने कोलकाता में डाक्टर्स के साथ हुई हिंसा पर जताई चिंता, मरीज़ों और उनके परिजनों से भी संयम बरतने को कहा।
पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल का आज चौथा दिन है। कोलकाता में जारी डॉक्टरों की हड़ताल का असर मुंबई से लेकर राजधानी दिल्ली तक दिख रहा है। हड़ताल कर रहे डॉक्टरों ने गुरुवार दोपहर दो बजे तक काम पर लौटने के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के अल्टिमेटम को खारिज कर दिया। इन डॉक्टरों का कहना है प. बंगाल की मुख्यमंत्री के बयान से वे आहत हुए हैं और सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा संबंधी मांग पूरी होने तक हड़ताल जारी रहेगी। डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से कई सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में ओपीडी सेवाएं, पैथलॉजिकल इकाइयां प्रभावित रहीं।
डॉक्टर कोलकाता के एक अस्पताल में एक मरीज की मौत के बाद भीड़ द्वारा अपने दो सहकर्मियों पर हमले के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी ने भी डॉक्टरों से हड़ताल खत्म करने की अपील की है। एम्स और सफदरजंग अस्पताल में इमर्जेंसी सेवाएं ही चालू रहेंगी। नए मरीजों के ओपीडी में रजिस्ट्रेशन बंद हैं। हालांकि पुराने मरीजों का इलाज हो रहा है। डाक्टरों की मांग है कि उनके खिलाफ हिंसा में शामिल लोगों पर कार्रवाई लेने के लिए एक कानून की जरूरत है जिसमें ऐसे मामलों में कड़ी सजा का प्रावधान हो।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ० हर्षवर्धन ने कोलकाता में डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा की कथित घटनाओं की निंदा की है। एक बयान में उन्होंने कहा कि डॉक्टरों के लिए सभी राज्यों में काम करने के लिए सुरक्षित वातावरण ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि कि डॉक्टर, समाज के महत्वपूर्ण अंग हैं और उन्हें अक्सर तनावपूर्ण तथा कठिन परिस्थितियों में काम करना पड़ता है। स्वास्थ्य मंत्री ने डॉक्टरों से भी संयम बरतने को कहा ताकि लोगों को आवश्यक चिकित्सा सेवाएं मिलती रहें। उन्होंने रोगियों और परिजनों से भी संयम बरतने का आग्रह किया।
