आज से 17वीं लोकसभा के पहले संसद सत्र की शुरूआत हो गई है, इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा है कि सरकार सभी के विश्वास के साथ निष्पक्ष तरीके से काम करेगी, पीएम मोदी ने विपक्षी दलों से सक्रियता के साथ जनहित में सार्थक भूमिका निभाने की अपील की है तो नई ऊर्जा के साथ लोकसभा पहुंचे सदस्यों से भी सार्थक भूमिका निभाने की बात कही है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 17वीं लोकसभा के पहले सत्र की शुरूआत से पहले इस बात को कह कर स्पष्ट कर दिया है कि उनकी सरकार निषप्क्ष तरीके से काम करती नज़र आयेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि संसदीय लोकतंत्र में सक्रिय विपक्ष की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है और उसे अपनी संख्या के बारे में परेशान होने की जरूरत नहीं है बल्कि सक्रियता से बोलने और सदन की कार्यवाही में भागीदारी करने की आवश्यकता होती है। पीएम ने सभी सांसदों से व्यापक राष्ट्रीय हित से जुड़े मुद्दों के बारे में सोचने की अपील की और कहा कि सरकार सबके विश्वास के साथ ही आगे बढेगी।
पीएम मोदी ने हाल में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि आजादी के बाद इस चुनाव में सबसे ज्यादा मतदान हुआ, सबसे ज्यादा महिलाओं ने मतदान किया और सबसे ज्यादा महिला सांसद चुनकर आई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय राजनीतिक इतिहास में कई दशकों बाद कोई सरकार अपने काम के आधार पर दूसरी बार फिर से सत्ता में वापस आई है वो भी ज्यादा संख्या के साथ।
उन्होने सभी दलों से अपील करते हुए जनहित के मुद्दो को सदन में उठाने की बात कही।
सबको साथ लेकर चलने की नीति के तहत ही पीएम ने नयी लोकसभा के पहले सत्र की शुरुआत में ही दो अहम बैठकें बुलायी हैं । पहली बैठक 19 तारीख को होगी जिसमें ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के साथ ही अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होगी । इस बैठक में उन सभी दलों के अध्यक्षों को आमंत्रित किया है जिनका लोकसभा या राज्यसभा में एक भी सदस्य है। बैठक में ‘ 2022 में भारत की आजादी के 75 वर्ष होने और इस साल महात्मा गांधी के 150वें जयंती वर्ष के विषय पर चर्चा होगी । इसके बाद लोकसभा और राज्यसभा के सभी सांसदों के साथ 20 जून को रात्रिभोज पर बैठक होगी जिसमें सभी सरकार के साथ मुक्त संवाद कर सकेंगे। ये दो अनूठे तरीके सभी सांसदों के बीच टीम भावना का निर्माण करने में कारगर होंगे।
सोमवार से शुरू हुए 17वीं लोकसभा के पहले सत्र की शुरूआत हो गई है जिसमें सरकार के लिये कई महत्वपूर्ण बिल उसकी प्रथामिकता में है, मोदी सरकार ने कैविनेट की बैठक में उन अध्यादेशों को बिल की शक्ल में संसद के पटल पर लाने की स्वीकृति दे दी थी जो किन्ही वजहों से अभी तक पास नही हो सके है। इनमें
– मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक (तीन तलाक बिल)
– भारतीय चिकित्सा परिषद (संशोधन) विधेयक
– कंपनी (सुधार) विधेयक
– अनियमित जमा योजनाओं से जुड़ा विधेयक
– जम्मू एवं कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक
– होम्योपैथी सेंट्रल काउंसिल (संशोधन) विधेयक
– स्पेशल इकोनॉमिक जोन (संशोधन) विधेयक
– केंद्रीय शिक्षण संस्थान (शिक्षक संवर्ग में आरक्षण) विधेयक
शामिल है। इसके अलावा भी सरकार के ऐजेडे में कुछ और बिल भी लंबे समय से लंबित है जो किन्ही वजहों से अभी तक संसद की दहलीज पार नही कर सके है उनमें
– श्रम सुधारों से जुड़ा विधेयक
– मोटर वाहन विधेयक
– यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण विधेयक
– नागरिकता संशोधन विधेयक
जैसे विधेयक शामिल है। गौरतलब है कि संसद का मौजूदा सत्र 26 जुलाई तक चलेगा जिसमें 30 बैठकें होंगी। 20 जून को दोनों सदनों के संयुक्त सत्र की बैठक में राष्ट्रपति का अभिभाषण होगा। मोदी सरकार की दूसरी पारी का पहला बजट 5 जुलाई को पेश किया जाएगा।
संसद के सत्र की शुरूआत हो गई है अब उम्मीद है कि पक्ष विपक्ष मिलकर देशहित में फैसले लेते नज़र आयेगें।
