देशभर में बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व दशहरा हर्षोल्लास और उत्साह के साथ मनाया गया। राष्ट्रपति ने दिल्ली के इंद्रप्रस्थ एक्सटेंशन में आयोजित रावण दहन कार्यक्रम में हिस्सा लिया तो वहीं उपराष्ट्रपति ने दिल्ली के सुभाष मैदान में अच्छाई का तीर चलाकर बुराई के रावण का नाश किया।
ज़रा सी चिंगारी..और धू धू कर जल गया..घासफूस और कागज़ का बना रावण.–अर्श को छूता रावण का पुतला पल भर में धराईशाई हो गया..गरूर,स्वार्थ, ईर्षा और अज्ञानता जमींदोज़ हो गई।ये प्रतीक है बुराई पर अच्छाई की जीत का..अधर्म पर धर्म के विजय का..ये मौका है एक संकल्प का समाज के बदलाव के गर्व से स्वीकार करने का..अपने भीतर की बुराइयों से मुक्ति पाने की प्रतिबद्धता का..इन्हीं संकल्पों और आदर्शों के नज़ीर को सामने रख कर देशभर में विजयदश्मी यानी दशहरा का पर्व हर्षोल्लास और धूमधाम से मनाया गया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दिल्ली के इंद्रप्रस्थ एक्सटंशन में आयोजित रावण धहन के कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
उधर उपराष्ट्रपति एम वैंकया नायडू ने दिल्ली के सुभाष मैदान में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया। वेंकैया नायडू ने अच्छाई का तीर चला कर बुराई के रावण का नाश किया। इस अवसर पर उप-राष्ट्रपति ने कहा ऐसे पर्व संस्कृति और परंपराओं को सहेज रखने में काफी मददगार होते हैं।
विजयादशमी के मौके पर गोरखनाथ मंदिर से निकलने वाली गोरक्षपीठाधीश्वर की परंपरागत विजय शोभा यात्रा धूमधाम से निकाली गई। शोभा यात्रा में गाजे-बाजे के बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बतौर गोरक्षपीठाधीश्वर इस शोभा यात्रा में शामिल हुए। सीएम योगी को गोरक्षपीठाधीश्वर के रूप में देखने के लिए सड़क के दोनों ओर श्रद्धालुओं की भारी संख्या में भीड़ मौजूद है। लोगों ने पुष्प वर्षा कर शोभायात्रा स्वागत किया।
उधर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के गांधी मैदान में आयोजित होने वाले दशहरा कार्यक्रम में हिस्सा लिया। वहीं झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने रांची के दशहरा उत्सव में हिस्सा लिया।
दक्षिणी भारत में दशहरा की धूम दिखी। तेलंगाना की हैदराबाद में दशहरा उत्सव के मौके पर मंदिरों में खास रौनक दिखने को मिली। भारत उत्सवों की भूमि है, जो भारत और भारतीयता को जोड़ते हैं…ये उमंग भी भरते हैं और उत्साह भी। साथ ही नए-नए सपनों को साजने का विश्वास भी पैदा करते हैं। और सपनों का ये विश्वास तब हकीकत में बदल जाता है जब सच्चे मन से बुराई..अंधकार और अज्ञानता को खत्म करने का संकल्प लिया जाए।
