जाने-माने कन्नड़ नाटककार, रंगकर्मी, एक्टर, निर्देशक और स्क्रीन राइटर गिरीश कर्नाड का 81 साल की उम्र में निधन हो गया. उनके निधन की वजह मल्टीपल ऑर्गेन का फेल होना है. सोमवार को बेंगलुरु में गिरीश कर्नाड का निधन हुआ. कर्नाड लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे. पिछले कुछ महीनों से उनका इलाज चल रहा था.कर्नाड के निधन से साहित्य और सिनेमा जगत में शोक की लहर है.
गिरीश कर्नाड के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘गिरीश कर्नाड को सभी माध्यमों में उनके बहुमुखी अभिनय के लिए याद किया जाएगा. उनके काम आने वाले वर्षों में लोकप्रिय होते रहेंगे. उनके निधन से दुखी हूं. उनकी आत्मा को शांति मिले.’
गिरीश कर्नाड बहुमुंखी प्रतिभा के धनी थे. 1960 के दशक में नाटकों के लेखन से कर्नाड को लोग पहचानने लगे. कन्नड़ नाटक लेखन में गिरीश कर्नाड की वही भूमिका है जो बंगाली में बादल सरकार, मराठी में विजय तेंदुलकर और हिंदी में मोहन राकेश जैसे दिग्गज नाटककारों की है.लगभग पांच दशक से ज्यादा समय तक कर्नाड नाटकों के लिए सक्रिय रहे. कर्नाड ने अंग्रेजी के भी कई प्रतिष्ठित नाटकों का अनुवाद किया.
गिरीश कर्नाड को 1978 में आई फिल्म भूमिका के लिए नेशनल अवॉर्ड मिला था. उन्हें 1998 में साहित्य के प्रतिष्ठित ज्ञानपीठ अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था. गिरीश कर्नाड ऐसे अभिनेता हैं जिन्होंने कमर्शियल सिनेमा के साथ समानांतर सिनेमा के लिए भी सराहे गए.
कर्नाड के निधन से सिनेमा और साहित्य जगत में शोक की लहर है.
