नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में दंगों की मार झेलनेवाले परिवार अब हॉस्पिटल के चक्कर लगा-लगाकर परेशान हो रहे हैं। अब पोस्टमॉर्टम के लिए यह लंबा इंतजार, उनके जख्म पर नमक छिड़कने से कम नहीं है। मौत का आंकड़ा 42 पार हो चुका है लेकिन अभी केवल 18 पोस्टमॉर्टम हुए हैं। सूत्रों के अनुसार सभी डेड बॉडी के पोस्टमॉर्टम होने में कम से कम पांच से छह दिन का समय लग सकता है। अभी केवल 18 पोस्टमॉर्टम हुए हैं। ऐसे भी किस्से हैं कि बॉडी का हर हिस्सा जल चुका है और पहचान के लिए डीएनए टेस्ट ही करना होगा।
मॉर्चरी में जगह कम
जीटीबी अस्पताल की मॉर्चरी में सिर्फ 20 डेड बॉडी एक साथ रखने की जगह है और यहां पर एक साथ में 20 से ज्यादा डेड बॉडी हो गई थीं। परिजनों का आरोप है कि देरी से पोस्टमॉर्टम होने की वजह से बॉडी सड़ने लगी हैं। कई परिजनों ने यह आरोप लगाया कि देरी से डेड बॉडी पर असर हो रहा है। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि अब पोस्टमॉर्टम हाउस में केवल 20 डेड बॉडी हैं और इतनी बॉडी के लिए मॉर्चरी में फ्रीजर है।
