दुनिया की निगाहें इस समय लगी हुई हैं अब से थोडी देर में होने वाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच द्पिक्षीय मुलाकात पर। पीएम मोदी के दोबारा सत्ता संभालने के बाद चार महीने में दोनों नेताओं के बीच ये चौथी मुलाकात होगी। इस मुलाकात में रक्षा और व्यापार समेत द्विपक्षीय संबंधों से जुडे तमाम मसलों पर विस्तार से बात होगा। ह्यूस्टन में हुए दोनों नेताओं के मेगा शो के बाद ये मुलाकात और अहम हो गयी है।
ह्यूस्टन में हाउडी मोदी कार्यक्रम में मंच साझा करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की मंगलवार को न्यूयार्क में मंगलवार को मिलेंगे। इस साल मई के महीने में दोबारा प्रधानमंत्री निर्वाचित होने के बाद से पीएम मोदी राष्ट्रपति ट्रंप से तीन बार मिल चुके हैं। ह्यूस्टन में दोनों नेताओं की मज़बूत दोस्ती की शानदार झलक पूरी दुनिया ने देखी थी। इसी कार्यक्रम में राष्ट्रपति ट्रंप की मौजूदगी में पीएम मोदी ने पाकिस्तान को बेनकाब भी किया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कड़े संदेश का राष्ट्रपति ट्रंप ने न्यूयॉर्क में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान ख़ान के सामने भी ज़िक्र किया और उम्मीद जताई कि दोनों देश आपसी मतभेदों को समझदारी से सुलझा लेंगे।
ह्यूस्टन में भी पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप ने इस्लामी चरमपंथ को लेकर कड़ा और सख़्त संदेश दिया।
जी7 सम्मेलन से इतर हुई दोनों नेताओं की बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने मज़बूती के साथ राष्ट्रपति ट्रंप को स्पष्ट किया था कि कश्मीर का मुद्दा भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मुद्दा है और इसमें किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की कोई गुंजाइश नहीं है…
भारत-अमेरिका के संबंधों में ऊर्जा क्षेत्र की काफी अहमियत है। पीएम मोदी ने ह्यूस्टन में तेल कंपनियों के प्रमुख कार्यकारी अधिकारियों से मुलाकात की थी। हाउडी मोदी कार्यक्रम में अमेरिकी राजनीति के कई दिग्गज भी मौजूद रहे। मंच पर मौजूद 23 नेताओं में कई अमेरिकी सांसद और गवर्नर उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में भारत और अमेरिका के संबंधों के कई पहलु दिखाई दिये।
दोनों देशों के बीच साल 2019 की शुरूआत से ही व्यापारिक संबंध पेचीदा रहे हैं। इस बारे में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी कहा कि व्यापार में आ रही चुनौतियां, व्यापारिक संबंधों की विशेषता को भी दर्शाती हैं।
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच कई अवसरों पर व्यापारिक मुद्दों को लेकर चर्चाएं हुई हैं। मंगलवार को होने जा रही द्विपक्षीय बैठक से भारत के लिए कोई अच्छी खबर आने की उम्मीद की जा रही है। इस साल पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच तीन बार मुलाकात हो चुकी है।
दोनों नेताओं के बीच पिछली दो बैठकें जापान में जी-20 और फ्रांस में जी-7 सम्मेलन के इतर हुई हैं। अगस्त के महीने में दोनों नेताओं के बीच टेलीफोन पर करीब 30 मिनट बात हुई थी। साल 2017 के जून महीने में पीएम मोदी की राष्ट्रपति ट्रंप के साथ पहली मुलाकात वाशिंगटन में हुई थी। इस दौरान जो साझा बयान जारी किया गया उसमें कहा गया था कि राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत-प्रशांत क्षेत्र की शांति और स्थायित्व के केंद्र में रखकर अमेरिका और भारत की निकट साझेदारी के लिए सहमत हुए हैं। साल 2018 के सितंबर महीने में दोनों देशों के बीच संचार अनुकूलता और सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षर हुए जिससे भारत को अमेरिका की आधुनिक संचार प्रणाली तक पहुंच में मदद मिली। दोनों देशों के बीच संबंधों का एक आधार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच की केमिस्ट्री भी है, जिसकी बानगी दुनिया कई मौक़ों पर देख चुकी है।
