कोरोना संकट के समय में ऋषिकेश के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ने स्वास्थ्य सेवाओं पड़ रहे बोझ को कम करने के मकसद से एक अनूठी पहल की है। यहां मोबाइल ऐप और उससे जुड़ी एक डिवाइस की सहायता से एक रिमोट हेल्थ मॉनिटरिंग सिस्टम विकसित किया गया है।
इस रिमोट हेल्थ मॉनिटरिंग सिस्टम प्रणाली का नाम ‘मोनाल’ रखा गया है, जो उत्तराखंड के राज्य पक्षी के नाम से प्रेरित है। ‘मोनाल’ के ज़रिए कोरोना संक्रमित व्यक्ति अपने घर में रहते हुए भी चिकित्सकों के संपर्क में रह सकेगा। डिवाइस के माध्यम से रोगी के दिल की धड़कन, शरीर का तापमान, श्वसन दर और ऑक्सीजन के स्तर जैसी तमाम महत्वपूर्ण जानकारियां दूर बैठे डॉक्टरों को मिलती रहेंगी। अगर इस सिस्टम से जुड़े किसी मरीज की तबीयत बिगड़ती है, तो एम्स में बनाये गए नियंत्रण कक्ष को तुरंत सूचना मिल जाएगी, जिसके के बाद मरीज को अस्पताल में भर्ती कराने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
‘मोनाल’ के प्रयोग से कई तरह के लाभ होंगे। इसमें सबसे पहला है, पहले से ही कम हमारे स्वास्थ्य संसाधनों का उचित आवंटन। कोरोना के 95 फीसदी मरीज़ों को सघन चिकित्सा की ज़रूरत नहीं होती है। घर पर रहकर स्वास्थ्य की लगातार निगरानी और जेनेरिक दवाओं से ये मरीज़ जल्द ही ठीक हो सकते हैं। ऐसे में कोरोना के गंभीर रोगियों के लिए मौजूदा चिकित्सा संसाधनों का और बेहतर तरीके से इस्तेमाल हो सकेगा। इससे साथ ही मोनाल के प्रयोग से स्वास्थ्यकर्मियों और कोरोना मरीज़ों के बीच संपर्क में कमी आएगी। इस तरह हमारे स्वस्थ्यकर्मियों को अनावश्यक संक्रमण से भी बचाव हो सकेगा। और अंत में इस सिस्टम के प्रयोग से पीपीई किट की लगातार बढ़ती खपत में भी कमी आएगी।
इस प्रणाली को भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ़ इंडिया के सहयोग से विकसित किया गया है। डिवाइस को 200 से अधिक रोगियों पर सफलतापूर्वक परीक्षण किया जा चुका है। जल्द ही ये ऐप जनता के लिए भी लॉन्च कर दिया जाएगा।
