केरल, महाराष्ट्र और कर्नाटक में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। केंद्र स्थिति पर नजर रखे हुए है। केरल में लगातार बारिश से बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है। वर्षा से जुड़ी घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़कर 22 हो गई है। नौ जिलों में रेडअलर्ट जारी कर दिया गया है।
महाराष्ट्र के पांच पश्चिमी जिलों -सांगली, कोल्हापुर, सोलापुर, पुणे और सतना में भीषण बाढ़ के कारण दो लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। यहां पिछले कुछ दिनों से निरन्तर वर्षा हो रही है।
मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण किया। उन्होंने बताया कि कर्नाटक सरकार अल्माटी बांध से कृष्णा नदी में पानी छोड़ने पर सहमत हो गई है जिससे महाराष्ट्र में बाढ़ की स्थिति में सुधार होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभावित लोगों को अनाज के साथ वित्तीय सहायता भी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि वर्षा और बाढ़ से मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के निकट संबंधी को पांच लाख रूपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी।
कर्नाटक में मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा उत्तर कर्नाटक के बाढ़ प्रभावित इलाकों में रहकर राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं। आज उन्होंने बेलगावी जिले के मुधोल का दौरा किया और हवाई सर्वेक्षण किया। काबिनी बांध से आज सुबह सवा लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद मैसुरू जिला प्रशासन ने रेड अलर्ट जारी कर दिया है।
उत्तरी कर्नाटक में रेलवे ने घोषणा की है कि विजयपुरा और गडग के बीच सभी स्टेशनों पर फंसे यात्रियों के लिए रेलगाड़ी रोकी जाएगी।
केन्द्र सरकार बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों की स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए है। गृहराज्य मंत्री नित्यानंद राय ने स्थिति का जायजा लेने और स्थिति से निपटने के लिए संबंधित मंत्रालयों तथा एजेंसियों की तैयारियों के बारे आज नई दिल्ली में एक
उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के महानिदेशक ने बताया कि केरल, कर्नाटक, गुजरात और महाराष्ट्र के बाढ़ प्रभावित इलाकों में सभी आवश्यक उपकरणों के साथ एन डी आर एफ की 83 टीमें तैनात की गई हैं। ये टीमें सेना, नौसेना, वायुसेना और तटरक्षक बलों की 173 टीमों के अतिरिक्त हैं। करीब 82 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है और दो हजार से अधिक लोगों को बचाया गया है।
समीक्षा बैठक के बाद श्री नित्यानंद ने वरिष्ठ अधिकारियों को स्थिति से निपटने के लिए हरसंभव उपाय करने का निर्देश दिया है। रक्षा मंत्रालय और अन्य एजेंसियां बचाव और राहत कार्यों में जुटी हैं। बैठक में गृहसचिव,राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के महानिदेशक, गृह तथा रक्षा मंत्रालय, केन्द्रीय जल आयोग तथा मौसम विभाग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
